मैं `दोपहर का सामना’ के माध्यम से महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण महामंडल के अधिकारियों का ध्यान भिवंडी के हनुमान टेकड़ी रोड पर स्थित बावला कंपाउंड, धामनकर नाका, नरपोली की साइजिंग और डाइंग कंपनियों द्वारा बड़े पैमाने पर किए जा रहे वायु प्रदूषण की तरफ आकर्षित करना चाहता हूं। महोदय, इन कंपनियों द्वारा बॉयलर में जलाने के लिए प्लास्टिक, फाइबर जैसी सामग्रियों का उपयोग किया जाता है। जिससे यहां बड़े पैमाने पर वायु का प्रदूषण हो रहा है। इन कंपनियों की चिमनी की ऊंचाई भी बहुत कम है। इन कंपनियों पर तत्काल कार्रवाई कर वायु प्रदूषण से होनेवाली अनेक बीमारियों की रोकथाम करें। इस वायु प्रदूषण के कारण आंखों में जलन, खांसी, सांस लेने में तकलीफ विभिन्न परेशानियों से नागरिक त्रस्त हैं। भिवंडी की जनसंख्या ११ लाख के आस-पास है। यहां शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में मिलाकर करीब २०० से अधिक साइजिंग और डाइंग कंपनियां हैं। इन कंपनियों से कार्बन डाइऑक्साइड जैसी विषैली गैस निकलती रहती है, जिसका दुष्परिणाम यहां के नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है।
-बीके. पांडे, स्थानीय नागरिक