मंगलेश्वर त्रिपाठी / जौनपुर जौनपुर जनपद के अपर सत्र न्यायाधीश पॉस्को, काशी प्रसाद सिंह यादव की अदालत ने १५ वर्षीया नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने के तीन आरोपियों को आजीवन कारावास व २७ हजार रुपए अर्थदंड से तथा दुष्कर्म के १० माह बाद फिर उसके साथ सामूहिक बलात्कार कर उसे जलाकर मार डालने के आरोप में भी इन्हीं तीनों आरोपियों को आजीवन कारावास और २५-२५ हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया।
अभियोजन कथानक के अनुसार, बदलापुर थाना क्षेत्र की निवासी महिला ने थाने में ०१.०६. २०१७ को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसका पति मंदबुद्धि है। इसलिए वह अधिकारियों व अन्य लोगों के यहां चौका-बर्तन करके अपनी आजीविका चलाती थी, जिसमें उसकी पुत्री भी सहयोग करती थी। उसकी १५ वर्षीया पुत्री कक्षा १०वीं में पढ़ रही थी। उसकी तबीयत खराब होने पर डॉक्टर को दिखाया गया, तब पता चला कि वह गर्भवती है। पूछताछ में उसने बताया कि तीनों आरपी जान से मारने की धमकी देकर उसके साथ कई बार सामूहिक दुष्कर्म किए। उक्त मामले में सुनवाई चल ही रही थी कि इसी बीच २६.४.२०१८ को तीनों आरोपी महिला की पुत्री को अकेली पाकर घर में घुसकर उसके साथ दुष्कर्म किए तथा मिट्टी का तेल छिड़ककर जला दिए। इसके संदर्भ में मुकदमा दर्ज करवाने का प्रयास किया गया, किंतु दर्ज नहीं हुआ। जली हुई अवस्था में इलाज के दौरान १० जून २०१८ को बीएचयू में लड़की की मौत हो गई। तब ११.६.२०१८ को पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया। शासकीय अधिवक्ता राजेश कुमार उपाध्याय व कमलेश राय के द्वारा परीक्षित कराए गए ८ गवाहों के बयान एवं पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के परिशीलन के पश्चात अदालत ने तीनों आरोपियों को दुष्कर्म के आरोप में तथा बाद में दुष्कर्म व गैर इरादतन हत्या के मामले में दोष सिद्ध पाते हुए आजीवन कारावास और अर्थदंड से दंडित किया।