सामना संवाददाता / झुंझुनू
अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण कोर्ट ने आज एक महिला की हत्या के मामले में दो लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। हत्या में एक व्यक्ति को बरी कर दिया गया। डाबड़ीधीर सिंह निवासी मानसिंह व सुरेश कुमार को दोषी माना है। वहीं खीचड़ों का बास तन बाजला निवासी संदीप कुमार पुत्र नंदलाल को सभी आरोपों से बरी कर दिया है।
डाबड़ी धीरसिंह निवासी गुरुदयाल पुत्र चेतराम ने मलसीसर थाने में 17 अगस्त 2021 को एक रिपोर्ट दी कि 16 अगस्त 2021 की रात्रि वह तथा उसकी पत्नी अपने घर पर सोए हुए थे, उसी दौरान मान सिंह, सुरेश सिंह व दो-तीन अन्य व्यक्ति बोलेरो लेकर आए उसके घर में घुस कर जातिसूचक शब्द से अपमानित कर, घसीटकर-मारपीट करते हुए कमरे से बाहर ले आए। बीच-बचाव करने आई कमला देवी, भाई सुमेर व नरेंद्र को जान से मारने की नीयति से बोलेरो टक्कर मार दी। इलाज के दौरान कमला देवी की मौत हो गई। पुलिस ने मानसिंह, सुरेश व संदीप कुमार के विरुद्ध हत्या, हत्या का प्रयास में न्यायालय में चालान पेश कर दिया। इस्तगासा पक्ष की ओर से 23 गवाह तथा 43 दस्तावेज पेश किए गए। न्यायाधीश सरिता नौशाद ने आरोपी मानसिंह व सुरेश को आजीवन कारावास व 20 हजार रुपए की सजा सुनवाई। खीचड़ों का बास तन बाजला निवासी संदीप कुमार पुत्र नंदलाल को सभी आरोपों से बरी कर दिया है।