• डॉ. बालकृष्ण मिश्र
गुरुजी, गवर्नमेंट जॉब की तैयारी कर रहा हूं, पर सफलता नहीं मिल पा रही है। कोई उपाय बताइए।
-शिवकुमार
(जन्म- १३ अक्टूबर १९९२, समय- दिन में १:४५ स्थान- आजमगढ़, उत्तर प्रदेश)
शिवकुमार जी, आपका जन्म मकर लग्न एवं मेष राशि में हुआ है। आपकी कुंडली का सूक्ष्मता से अवलोकन किया गया। शिक्षा स्थान का स्वामी शुक्र दशम भाव में बैठकर आपको भाग्यशाली तो बनाया ही है, भाग्य भाव का स्वामी भी दशम भाव में बैठकर आपको पुरुषार्थी बना रहा है। सुख भाव के स्वामी मंगल के साथ में केतु बैठा है तथा द्वादशेश राहु की पूर्ण दृष्टि होने के कारण आपकी कुंडली में कालसर्प योग एवं अंगारक योग भी बन रहा है। इन्हीं योगों के कारण सफलता का मार्ग प्रशस्त नहीं हो पा रहा है। आपके जीवन में सरकारी नौकरी है। सफलता के मार्ग को प्रशस्त करने के लिए उपर्युक्त लोगों की शांति वैदिक विधि से आवश्यक है तभी सफलता का मार्ग प्रशस्त हो सकता है। विशेष जानकारी के लिए संपूर्ण जीवन दर्पण बनवाएं।
गुरु जी, मेरी शादी कब तक होगी। कुंडली में कुछ दोष है तो उपाय बताएं?
-दिलीप सिंह
(जन्म- १५ जुलाई १९९१, समय- सायंकाल ५:१५ स्थान- नालासोपारा, मुंबई)
दिलीप जी, आपका जन्म वृश्चिक लग्न एवं सिंह राशि में हुआ है। आपकी कुंडली का विचार विस्तार से किया गया। लग्नेश मंगल ने दशम भाव में बैठ करके आपको भाग्यशाली एवं पुरुषार्थी तो बना ही दिया है, इस समय आपकी कुंडली में मंगल की महादशा प्रारंभ हो गई है। मंगल ग्रह लग्नेश है, विवाह का समय प्रारंभ हो गया है लेकिन द्वितीय भाव में बैठे राहु एवं अष्टम भाव में बैठे केतु के कारण आप अपने जीवन के साथी का चयन नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि इन्हीं दो ग्रहों के कारण आपकी कुंडली में कालसर्प योग बन रहा है। इस योग की वैदिक विधि से पूजा कराएं। पूजा के प्रभाव से अनुकूल जीवन साथी एवं जल्द ही विवाह का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा। जीवन की अन्य गहराई को जानने के लिए संपूर्ण जीवन दर्पण बनवाएं।
गुरुजी, मेरा व्यापार अच्छा नहीं चल रहा है। जीवन में बहुत ही उठापटक है। कोई उपाय बताएं?
-राहुल विश्वकर्मा
(जन्म- ७ सितंबर १९९२ समय- प्रात: ७:२५ बजे स्थान- जौनपुर, उत्तर प्रदेश)
राहुल जी, आपका जन्म कन्या लग्न एवं धनु राशि में हुआ है। आपकी कुंडली का विश्लेषण विस्तार से किया गया है। लग्नेश एवं कर्मेश बुध ने अस्त होकर बारहवें भाव में बैठकर आपके लग्न एवं कर्म को कमजोर बना दिया है, लेकिन आपकी कुंडली में पराक्रमेश मंगल दशम भाव में बैठ करके आपको पराक्रमी एवं पुरुषार्थी भी बनाया है। इसके लिए ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है ‘दशमे अंगारको यस्य स जातो कुलदीपक:’, अर्थात दसवें घर में यदि मंगल रहता है वह बेटा कुल का दीपक होता है। आपकी कुंडली में भाग्येश शुक्र नीच राशि का हो करके बार-बार आपके व्यापार को असंतुलन में डाल देता है। इस समय आपकी कुंडली में राहु की महादशा में राहु की अंतर्दशा चल रही है। आपकी कुंडली में राहु ग्रह सुख भाव में लाभेश चंद्रमा के साथ बैठकर चंद्र ग्रहण तथा कालसर्प योग बना दिया है। इन्हीं योगों के कारण आपके परिश्रम के आधार पर आपको लाभ प्राप्त नहीं हो पा रहा है। अत: जीवन में पूर्ण लाभ प्राप्त करने के लिए भाग्य ग्रहण दोष की पूजा एवं कालसर्प योग की पूजा कराना आवश्यक है।
गुरुजी, विवाह कब तक होगा। कुंडली में क्या कमी है और विलंब क्यों हो रहा है उपाय बताएं?
सरोज विश्वकर्मा
(जन्म- ३० मई १९८३ समय- प्रात: ७:२५ स्थान- मुंबई)
सरोज जी, आपका जन्म मिथुन लग्न एवं धनु राशि में हुआ है। आपकी कुंडली का निरीक्षण अच्छी प्रकार से किया गया है। आपकी कुंडली के बारहवें भाव में मंगल ने बैठकर आपको सर्वप्रथम मांगलिक बना दिया है। बारहवें स्थान का मंगल सुख-शैया से वंचित रखने का व्यवस्था देता है और आप अनुकूल पति प्राप्त करने के लिए योग्य आचार्यों के द्वारा मंगल चंडिका स्तोत्र का पाठ विधि-विधान से कराएं तभी अनुकूल पति प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा तथा आपकी कुंडली में विवाह का कारक ग्रह शुक्र है और सप्तम भाव का स्वामी बृहस्पति है। सप्तमेश बृहस्पति ने छठे भाव में बैठकर पतिभाव को कमजोर बना दिया है और शुक्र ने भी पति भाव को कमजोर बना दिया है और लग्न में राहु एवं सप्तम भाव में केतु ने बैठ करके आपकी कुंडली में कालसर्प योग ही बना दिया है। इस कारण से अनुकूल पति का चयन कर पाने में संदिग्धता बनी रहती है इसलिए दुष्प्रभाव के कारण संबंध बनाने में असुविधा भी प्राप्त होती है। शनि को अनुकूल करने के लिए पीपल वृक्ष की परिक्रमा करें एवं अनुकूल पति प्राप्त करने के लिए उपर्युक्त उपाय को जरूर कराएं तभी अनुकूल पति प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त होगा। जीवन की अन्य गहराइयों को जानने के लिए संपूर्ण जीवन दर्पण बनवाना आवश्यक है।
ग्रह-नक्षत्रों के आधार पर आपको देंगे सलाह। बताएंगे परेशानियों का हल और आसान उपाय। अपने प्रश्नों का ज्योतिषीय उत्तर जानने के लिए आपका अपना नाम, जन्म तारीख, जन्म समय, जन्म स्थान मोबाइल नं. ९२२२०४१००१ पर एसएमएस करें। उत्तर पढ़ें हर रविवार…!