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मुश्किलों में हो गई जिंदगी

मुश्किलों में जिंदगी हो गई।
दर्द ही दर्द दे दिया तूने
बहुत मुश्किलों में जिंदगी हो गई
तू तो जहां से हंसते हंसते हो गया जुदा
हमें तो गमों का समंदर दे गया तू
तू था तो जिंदगी बहुत खुशहाल थी
चारों ओर बहारों का सावन
रिमझिम बरसात थी
पर अब तो पतझड़ वीरान हो गया यह जीवन
हवा भी जहरीली हो गई तेरे न रहने से
गमहीन में हूं
पर क्या करूं जीवन के सब रंग को देखना ही जिंदगी है
दुखों के बाद सुखों की बहार अब कब आएगी
क्या बताऊं मैं
दर्द ही दर्द दिए तूने
बहुत मुश्किलों में जिंदगी हो गई।।

-हरिहर सिंह चौहान
इंदौर

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