मंगलेश्वर (मुन्ना) त्रिपाठी
प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड के दो माह बीतने के बाद भी मृतक माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन को यूपी के धुरंधर कहे जानेवाले
एसटीएफ प्रमुख अमिताभ यश और मुठभेड़ कि बादशाहत रखने वाले अनंत देव तिवारी के साथ प्रयागराज पुलिस के हाथ कुछ भी नहीं लगा। खैर एक बात तो है एसटीएफ पब्लिक का ध्यान भटकाने के लिए रोज़ नया सगुफ्ता छोड़ने का नायाब तरीका अपनाया है। इसी कड़ी में पुलिस सूत्रों से खबर आ रही है कि एसटीएफ ने 50 हजार रुपए की इनामी शाइस्ता का जो ब्योरा एकत्र किया है, उस पर यकीन करें तो उसके गिरोह के सात सदस्यों का समावेश था जिसमे से तीन मोहम्मद गुलाम, अरबाज और उस्मान मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं। 4 सदस्य अभी शेष हैं। जांच में शाइस्ता की मदद करनेवाले सात वकीलों के अलावा उसे संरक्षण और आर्थिक मदद मुहैया करानेवाले बीस से अधिक करीबियों के नाम चिह्नित किए गए हैं। जिसमे जौनपुर का रहनेवाला एक जमीन कारोबारी का भी नाम शामिल हैl जो लखनऊ में रहकर अतीक के बेटे असद के साथ बड़े पैमाने पर जमीन का कारोबार करता रहा है। शाइस्ता को गिरफ्तार करने के लिए एसटीएफ और प्रयागराज पुलिस सभी पर पैनी नजर बनाए हुए है।
एसटीएफ के मुताबिक अतीक के जेल जाने के बाद कारोबार और गैंग को शाइस्ता ने संभाल लिया था। वह अतीक के जमीन के अवैध कारोबार को संचालित करने के लिए गैंग के सदस्यों के जरिए हत्याएं कराने लगी। शाइस्ता के खिलाफ चार मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें से तीन धोखाधड़ी से जुड़े 2009 में दर्ज हुए थे। चौथा केस उमेश पाल हत्याकांड का दर्ज हुआ। शाइस्ता के पिता हारून प्रदेश पुलिस में मुख्य आरक्षी थे। उसके दो भाइयों में से जकी अहमद लखनऊ जेल में बंद है, जबकि दूसरा सबी मदरसे में शिक्षक है। शाइस्ता के गिरोह में गुलाम, गुड्डू मुस्लिम, साबिर, अरमान, अरबाज, उस्मान और सदाकत शामिल हैं। इनमें से गुलाम, उस्मान और अरबाज ढेर हो चुके हैं जबकि गुड्डू मुस्लिम और साबिर फरार हैं।
शाइस्ता के पश्चिम बंगाल में भी होने की आशंका है। दरअसल, शाइस्ता के छिपने के ठिकानों में कौशांबी, ग्रेटर नोएडा, मेरठ, दिल्ली, मुंबई और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। हालांकि सूत्रों का कहना है कि शाइस्ता प्रयागराज के आसपास ही छिपी है। पुलिस सूत्रों कि माने तो अतीक की मौत के बाद से शाइस्ता दूसरा मोबाइल इस्तेमाल कर रही है, जिससे सुराग नहीं मिल रहा है। पुलिस ये पता लगा रही है कि फरार शूटर गुड्डू मुस्लिम और साबिर कहीं शाइस्ता के संपर्क में या तीनों साथ में तो नहीं है। शाइस्ता के करीबी परिजन मोहम्मद लाल अहमद उर्फ मुन्ने वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट में उप निरीक्षक के पद पर कार्यरत है। पता चला कि प्रयागराज निवासी अहमद की लखनऊ में तैनाती के दौरान शाइस्ता अक्सर उसके घर पर आती थी।