मनमोहन सिंह
फ्रांस में इस माह ३० जून और अगले महीने ७ जुलाई को फ्रांसीसी जनता मतदान के जरिए संसद के नए सदस्यों का चुनाव करेगी। गौरतलब है कि दो सप्ताह पहले फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्युअल मैक्रों ने अचानक संसद भंग करके मध्यावधि चुनाव की घोषणा कर दी थी।
राष्ट्रपति मैक्रों ने चुनावों की घोषणा करते हुए अपने देश के नागरिकों से अपील की थी कि वो ‘कट्टरपंथियों को तवज्जो न दें’ जिसकी वजह से यूरोपीय संसद के चुनावों में कट्टर दक्षिणपंथी नेशनल रैली पार्टी को बड़ी कामयाबी मिली। चुनांचे, तमाम ओपिनियन पोल के नतीजे, नेशनल रैली के इन चुनावों के बाद देश की संसद में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरने का इशारा कर रहे हैं।
कोहबिटेशन सरकार!
३० जून और ७ जुलाई को होने वाले मतदान के दो चरणों के बाद प्रâांस एक नई नेशनल असेंबली का चुनाव करेगा। पहली दफा २२ वर्षों में इस बात की वास्तविक संभावना है कि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री, नेशनल असेंबली के लीडर, एक ही पार्टी से नहीं होंगे। यह `कोहबिटेशन’ कहलाता है। प्रâांस के पांचवें गणराज्य में स्थानांतरित होने के बाद से यह केवल तीन बार हुआ है। प्रâांस एक अर्ध-राष्ट्रपति प्रणाली, प्रतिनिधि संसदीय लोकतंत्र है, जिसमें राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की भूमिकाएं स्पष्ट रूप से परिभाषित की गई हैं। प्रâांस में १९८६-१९८८, १९९३-१९९५ और १९९७-२००२ में कोहबिटेशन गवर्नमेंट बनी। राष्ट्रपति को नेशनल असेंबली में विपक्षी बहुमत का सामना करना पड़ा और उन्हें उनमें से अपनी सरकार चुननी पड़ी।
राष्ट्रपति महाभियोग चला सकता है
खुद राष्ट्रपति भी प्रधानमंत्री को बर्खास्त नहीं कर सकता है, लेकिन उनके इस्तीफे का अनुरोध कर सकता है। जानबूझकर संविधान या राष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करने के लिए राष्ट्रपति पर संसद द्वारा महाभियोग चलाया जा सकता है। इसके लिए प्रâांसीसी संसद के दोनों सदनों के साथ-साथ दोनों सदनों के संयुक्त सत्र में दो-तिहाई बहुमत की जरूरत होती है।
२८९ सीटों की जरूरत
चुनावों के बाद भी इसी तरह के परिणाम की संभावना प्रतीत होती है। सभी ओपिनियन पोल में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के उदारवादी-मध्यमार्गी पुनर्जागरण पार्टी के नेतृत्व वाले एंसेम्बल गठबंधन के लिए जीत की एक महीन संभावना का अनुमान लगाया गया है, जो मैरीन ले पेन की धुर दक्षिणपंथी नेशनल रैली और जीन के नेतृत्व वाले ल्यूक मेलेनचॉन के वामपंथी न्यू पॉपुलर प्रâंट दोनों से पीछे है। इस चुनावों में नेशनल असेंबली की ५७७ सीटों के लिए मतदान होगा और किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत हासिल करने के लिए २८९ सीटों की जरूरत है।