मुख्यपृष्ठस्तंभजीवदया जिंदाबाद! ...‘पशुजीवा’ की दूसरी वर्षगांठ संपन्न

जीवदया जिंदाबाद! …‘पशुजीवा’ की दूसरी वर्षगांठ संपन्न

बीमार, घायल एवं आवारा बेजुबान जानवरों के हित में और उनकी सेवा में लगातार काम कर रही संस्था ‘पशुजीवा द सुल्फुलल व फाउंडेशन’ को दो वर्ष पूरे हो गए हैं। सुचिस्मिता घोष द्वारा स्थापित इस फाउंडेशन की दूसरी वर्षगांठ मालाड के मड आइलैंड स्थित एरेंगल गांव में मौजूद शेल्टर में केक काटकर मनाया गया। इस अवसर पर शिवा’स पीआर कंसल्टेंट के सीएमडी राकेश कुमार आचार्य, सुचिस्मिता घोष, विकास माली सहित पूरी टीम उपस्थित थी।
सुचिस्मिता घोष ने कहा कि हमने दो वर्ष पहले ‘पशुजीवा द सुल्फुलल व फाउंडेशन’ की स्थापना की थी। हमें खुशी हो रही है कि इसके दो साल पूरे हो गए हैं। इसके अंतर्गत हम बीमार, जख्मी जानवरों को रेस्क्यू कर उनका इलाज करते हैं और उन्हें उनके बड़े घर में रखते हैं। पहले मालाड के पठानवाड़ी स्थित एक घर में उन्हें रखा जाता था, लेकिन अब उससे बड़ी जगह हमें एरेंगल गांव में मिल गई है। भारत सरकार की तमाम गाइडलाइन को फॉलो करते हुए हम यह करते हैं। इस उद्देश्य के साथ इस फाउंडेशन की स्थापना की गई है कि रास्ते में पड़े बीमार और चोटिल जानवरों की देखभाल की जाए। इस काम के लिए हमारी फाउंडेशन की टीम २४ घंटे कार्यरत रहती है।
राकेश आचार्या ने कहा कि इस फाउंडेशन के साथ जुड़े हुए लोग और पूरी टीम इस फाउंडेशन को आगे बढ़ा रही है। इस टीम वर्क के प्रयास के चलते फाउंडेशन ने सफलता के साथ दो वर्ष की यात्रा पूरी की है। मैडम सुचिस्मिता सोसाइटी में आवारा जानवरों को खाना खिला रही थीं, वहीं से उनके मस्तिष्क में पशुजीवा को स्थापित करने का विचार आया। मड आइलैड में काफी बड़ी जगह मिल गई है, जहां जानवरों के लिए बेहतरीन केयर सेंटर जारी है।
राकेश आचार्या ने कहा कि यह तो अभी झलक है, अभी बहुत लंबा सफर तय करना है। आज पशुजीवा में सैकड़ों जानवर हैं। लोग कुत्ते-बिल्लियों को शौक से अपने घरों में पालते तो हैं, लेकिन जब वे बीमार पड़ते हैं तो डॉक्टर उन्हें बताते हैं कि इन जानवरों को अपने घर में मत रखिए इनसे इंफेक्शन पैâल जाएगा। वे लोग डर से जानवर को सड़क पर छोड़ देते हैं। इसीलिए हमने इस ‘पशुजीवा फाउंडेशन’ की शुरुआत की, ताकि ऐसे जानवरों को हम सहारा दें और शेल्टर होम में उन्हें रखकर उनका इलाज करवाने के साथ उनकी देखभाल करें। इस शेल्टर होम में हम कम फीस लेकर घर के बीमार जानवरों को भी रख रहे हैं। हमारे फॉस्टर में कुल १२० कुत्ते और बिल्ली हैं। ४० अलग जानवर हैं, जिन्हें हमने सड़कों से रेस्क्यू किया है।

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