सामना संवाददाता / मुंबई
‘घाती’ सरकार के इशारों पर मुंबई मनपा का कामकाज चल रहा है। परिणामस्वरूप मनपा की एफडी ९२ हजार करोड़ से घटकर ८४ हजार करोड़ हो गई थी। मनपा प्रशासन ने अब उसमें भी एक हजार करोड़ का ‘गिफ्ट’ एमएमआरडीए को दे दिया है। ऐसे में मनपा के ‘सुरक्षित भविष्य’ के लिए रखी गई जमा राशि अब घटकर ८३ हजार करोड़ ही रह गई है। ‘एमएमआरडीए’ द्वारा मेट्रो के लिए अब तक हुए खर्च में से ५,००० करोड़ रुपए की मांग करने के साथ ही पहले चरण में कम से कम २,००० करोड़ रुपए देने की मांग भी की गई है।
मुंबई की परिवहन व्यवस्था के लिए ‘एमएमआरडीए’ द्वारा ‘मेट्रो’ परिवहन प्रणाली स्थापित की जाएगी। राज्य सरकार के सचिव स्तर पर हुई बैठक में यह अवधारणा प्रस्तावित की गई कि इस परियोजना की लागत स्थानीय प्राधिकरण द्वारा साझा की जानी चाहिए। इसके मुताबिक प्रोजेक्ट की कुल लागत का २५ फीसदी हिस्सा स्थानीय प्राधिकरण को वहन करना होगा, इसके तहत ‘मेट्रो’ प्रोजेक्ट के लिए मनपा से पहले चरण में २,००० करोड़ की मांग की गई थी। इसके तहत मनपा ने ‘एमएमआरडीए’ को एक हजार करोड़ रुपए दे दिए हैं।
शिवसेना के कार्यकाल में बढ़ी थी एफडी
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के कार्यकाल में मुंबई मनपा की एफडी में लगातार वृद्धि हो रही थी। इस दौरान विभिन्न परियोजनाओं के शूरू रहते हुए भी मनपा की एफडी बढ़कर ९२ हजार करोड़ तक हो गई थी लेकिन ‘घाती’ सरकार के कार्यकाल में मनपा की यही एफडी तोड़कर खर्च चलाए जा रहे हैं।
कुल २० हजार करोड़ की मांग
मेट्रो रेल परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए मनपा के वित्तीय योगदान (मेट्रो परियोजना लागत का २५ प्रतिशत, मल्टीमॉडल एकीकरण लागत का ५० प्रतिशत) के रूप में कुल १९ हजार ८९१ करोड़ ७० लाख रुपए का भुगतान करने की मांग की गई है। इसमें प्राधिकरण ने शहरी विकास विभाग से अब तक खर्च की गई ४,९६० करोड़ की राशि एमएमआरडीए को उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है।
कुल पांच हजार करोड़ का प्रावधान
मनपा के वित्त विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस फंड के लिए राज्य के शहरी विकास विभाग ने १५ मार्च के दिन मनपा को पत्र भेजा था। इसके मुताबिक, मनपा की ओर से स्पष्ट किया गया कि २०२४-२५ के बजट में इसके लिए पांच हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है, जिसमें से ९५० करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं।
दस दिन में ही एफडी तोड़ दी
७ मार्च २०२४ को मनपा ने ९५० करोड़ की यह एफडी ७.९३ फीसदी की सालाना ब्याज दर पर बैंक में रखी गई थी। अंतिम तिथि २९ मार्च, २०२५ थी। एमएमआरडी की तत्काल आवश्यकता के कारण यह फिक्स डिपॉजिट केवल दस दिनों में तोड़ दी गई है।