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कारशेड हटाने से १० हजार करोड़ का नुकसान! -आदित्य ठाकरे का जोरदार हमला

• मिंधे सरकार के सत्ता में आने के बाद से कई कामों में बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ है। समय आने पर बाहर निकालेंगे।
• इस सरकार का मतलब है वेस्ट ऑफ टाइम, वेस्ट ऑफ एनर्जी, वेस्ट ऑफ एवरीथिंग।
• २०३५ में आरे की जगह कारशेड के लिए कम पड़ेगी, तब क्या करोगे?
• असंवैधानिक सरकार से सवाल है कि मुंबई महाराष्ट्र से आपको इतना द्वेष क्यों? आपकी नजर कहां है?

सामना संवाददाता / मुंबई
कांजुरमार्ग में मेट्रो कारशेड मामले में एक बड़ा घोटाला खुलकर सामने आया है। यहां १० हजार करोड़ रुपए से अधिक का घोटाला होने का आरोप शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व युवासेनाप्रमुख, विधायक आदित्य ठाकरे ने लगाया है। भाजपा और शिंदे की असंवैधानिक सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए आदित्य ठाकरे ने जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा कि सरकार ने कांजुरमार्ग में ४४ हेक्टेयर भूखंड में से मेट्रो ६ के कारशेड के लिए १५ हेक्टेयर भूखंड देने का आदेश दिया है, जिसमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। बचा हुआ २९ हेक्टेयर भूखंड बिल्डरों की झोली में डाला जाएगा क्या? ऐसा सवाल भी आदित्य ठाकरे ने उठाया है।
आदित्य ठाकरे ने शिंदे-फडणवीस सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि मेट्रो कारशेड निर्माण में बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ है। सरकार चाहती तो एक जगह कांजुरमार्ग में चार मेट्रो लाइन के लिए नोडल पॉइंट कारशेड बना सकती थी लेकिन अलग-अलग जगह बनाकर जनता की १० हजार करोड़ रुपए से अधिक रकम बर्बाद कर रही है। इतना ही नहीं, इसके जरिए बिल्डरों को हजारों करोड़ का लाभ पहुंचाने का काम कर रही है। इसके अलावा मुंबईकरों को ऑक्सीजन उपलब्ध करानेवाले जंगल को तहस-नहस कर रही है।

महाराष्ट्र के सीने में खंजर घोंपा
कांजुरमार्ग में १५ एकड़ जगह मेट्रो लाइन- ६ के कारशेड के लिए एमएमआरडीए को देने का सरकारी आदेश के एक दिन बाद राज्य सरकार ने कलेक्टर को जारी किया है। इसे लेकर ‘मातोश्री’ में आयोजित पत्रकार परिषद में आदित्य ठाकरे ने शिंदे-फडणवीस सरकार पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने यह भी पूछा कि मुंबई को बर्बाद करनेवाले निर्णय क्यों लिए जा रहे हैं। दिल्ली में बैठे अपने आकाओं के इशारे पर शिंदे-फडणवीस सरकार मुंबई को तहस-नहस कर रही है। आखिर मुंबई से इन्हें इतना द्वेष क्यों है?
उन्होंने कहा कि जब महाविकास आघाड़ी की सरकार थी और उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री थे, तब हमारी सरकार ने आरे की जगह मेट्रो कारशेड के लिए कांजुरमार्ग का चयन किया था। वहां मेट्रो की चार लाइन के लिए कारशेड बनाने का निर्णय लिया गया था। उससे राज्य की खजाने का १० हजार करोड़ रुपए से अधिक की बचत होती। इसके साथ आरे के आदिवासियों को भी बेघर होने से बचाने और हरित क्षेत्र बरकरार रखने के लिए ८०० एकड़ वन घोषित किया गया था। उस निर्णय को लेकर महाराष्ट्र भाजपा और अन्य निजी कंपनियों, बिल्डर ने कोर्ट में जाकर विरोध किया। कई संस्थाओं ने विरोध प्रदर्शन किया। जैसे ही मविआ सरकार गई। नई असंवैधानिक सरकार बनते ही सबसे पहले हमारे इस निर्णय को बदल दिया गया। अब सुप्रीम कोर्ट से मामला वापस ले लिया गया है। यहां आरे में अब पेड़ों को काटने के प्रयास जारी हैं और लगातार पेड़ काटे जा रहे हैं। आखिर यह असंवैधानिक सरकार मुंबई के प्रति इतना द्वेष क्यों रखती है। बिल्डरों के लिए सरकार मुंबईकरों के जीवन से खिलवाड़ कर रही है। शिंदे सरकार भाजपा के साथ मिलकर महाराष्ट्र और मुंबई विरोधी कृत्य कर रही है। महाराष्ट्र और मुंबई के सीने में खंजर घोंप रही है। पिछले ९ महीने में ५ बड़े प्रोजेक्ट अन्य राज्यों में गए हैं।
किसकी झोली में जाएगी बची हुई जगह
उन्होंने कहा कि मेट्रो १४ और ४ के लिए ठाणे में कारशेड बनाया जा रहा है। लेकिन उस कारशेड के लिए जमीन किसकी ली जाएगी? बिचौलिया कौन बननेवाला है? भूखंड के कागजात पर किसका नाम है? उसमें वर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का कितना हाथ है, यह हम नहीं जानते। आदित्य ठाकरे ने कहा कि एक दिन पहले मेट्रो- ६ के कारशेड के लिए कांजुरमार्ग में १५ हेक्टेयर भूखंड एमएमआरडीए को हस्तांतरित करने का आदेश राजस्व विभाग ने जिला कलेक्टर को दिया है। जबकि यहां ४४ हेक्टेयर में से अब २९ हेक्टेयर जगह किसके लिए बचाई गई है। किसकी झोली में वह जगह डाली जाएगी, ऐसा सवाल आदित्य ठाकरे ने किया।
चार कारशेड की एक मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी होती
आदित्य ठाकरे ने कहा कि हमारी मविआ सरकार की योजना थी कि मेट्रो लाइन ३, ६, १४ और ४ के लिए एक ही मेट्रो कारशेड बनाया जाए, ताकि इन चारों लाइन की मेट्रो यहां कारशेड में लाकर धुलाई, सर्विस आदि के लिए काम किया जा सकता था, जिससे लोगों का समय भी बचता और जनता का पैसा भी बचता। लगभग साढ़े दस हजार करोड़ रुपए की बचत होती।

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