प्रेम वेदना है, प्रेम ज्वाला है,
प्रेम संताप है, प्रेम पीड़ा है।
प्रेम रचना है, प्रेम पहचान है ,
प्रेम सत्य है, प्रेम शाश्वत है।
प्रेम भक्ति है, प्रेम शक्ति है,
प्रेम विरक्ति है, प्रेम आसक्ति है।
प्रेम दुविधा है, प्रेम से ही सुविधा है।
प्रेम में संयोग है, प्रेम में वियोग है।
प्रेम बाधा को प्रेम ने ही साधा है।
प्रेम सर्वोपरि है, प्रेम में प्रभु है, हरी है।
-बेला विरदी