सामना संवाददाता / मुंबई
माटुंगा, मुंबादेवी, फोर्ट और वर्ली के अंतर्गत उन्नत मल्टीलेवल इलेक्ट्रोमैकेनिकल कार पार्किंग सिस्टम (शटल और रोबोपार्कर सिस्टम) में पिछले नुकसान को नजरअंदाज कर मनपा ने फिर से लोअर परेल के डामर प्लांट में ५४८ कार पार्किंग के लिए ५२० करोड़ रुपए के टेंडर जारी किए हैं। इस टेंडर में ठेकेदारों और अधिकारियों की मिलीभगत होने का आरोप लगाते हुए इसे रद्द करने की मांग आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने की है। लोअर परेल में ५२० करोड़ की इस नई कार पार्किंग से ३०० करोड़ का नुकसान होगा। आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उप मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस और मनपा आयुक्त भूषण गगरानी को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि पिछली शिकायत पर कोई ध्यान दिए बिना अधिकारियों ने साउथ लोअर परेल में डामर प्लांट में ५४८ कार पार्किंग के लिए ५२० करोड़ का नया टेंडर जारी कर दिया है। हर कार के पीछे ९५ लाख खर्च होंगे। इससे इस टेंडर में ३०० करोड़ का घाटा होगा।
इसके पूर्व मनपा द्वारा सौंपे गए कार्यों में माटुंगा, फ्लोरा फाउंटेन और वरली शामिल हैं। फ्लोरा फाउंटेन (विशाल कंस्ट्रक्शन) में ७० करोड़ से १७६ कार पार्किंग की व्यवस्था की गई है। प्रति कार पर खर्च ३९.७७ लाख है। वरली (श्री एंटरप्राइजेज) में ६४० कार पार्किंग कार्य के लिए २१६.९४ करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं और प्रति कार लागत ३३.९० लाख है, जबकि माटुंगा (रेलकॉन इंप्रâास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट) में ४७५ कार पार्किंग कार्य क लिए १०३.८७ करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं और प्रति कार लागत २१.८७ लाख है।