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खतरनाक इमारतों के पुनर्विकास में माफियाराज! …मविआ सरकार के फैसले को खोका सरकार ने किया बर्बाद

सामना संवाददाता / मुंबई
महाविकास आघाडी की तत्कालीन सरकार ने उन दमनकारी नीतियों को हटा दिया था। जो नई मुंबई में खतरनाक इमारतों के पुनर्विकास में बाधा थीं। इसलिए, लगभग १५ वर्षों से लंबित मुद्दा हल हो गया और शहर में पुनर्विकास परियोजनाएं शुरू हुर्इं। लेकिन इन परियोजनाओं में माफियाराज बढ़ गया है। कुछ बिल्डरों के लिए सोसायटी के पदाधिकारियों पर सत्ताधारियों द्वारा दबाव बनाया जा रहा है। वे अपने ही बिल्डर को काम देने और उनसे सामग्री खरीदने के लिए दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, शिंदे गुट और बीजेपी द्वारा चल रहे इस माफियाराज से खतरनाक बिल्डिंगों के निवासी हैरान हैं। अगर इस विवाद में प्रोजेक्ट अटका तो काफी वक्त लगेगा।
जब से खोके सरकार सत्ता में आई है, नई मुंबई में खतरनाक इमारतों के पुनर्विकास में फर्जी बिल्डरों की घुसपैठ काफी बढ़ गई है। ये बिल्डर सोसायटी के पदाधिकारियों को तरह-तरह से परेशान करते हैं। इसके लिए मनपा और सिडको के अधिकारी एक दूसरे से हाथ मिलाकर बड़ी फील्ंिडग करते हैं। उन्हें पार्टियों के वरिष्ठों के सामने रखा जाता है और प्रोत्साहित किया जाता है। इसलिए ये पदाधिकारी डरकर प्रभावशाली बिल्डर के साथ अनुबंध कर लेते हैं। इस समझौते के बाद डमी बिल्डर आपसी सहमति से इस सोसायटी के पुनर्विकास को अच्छे बिल्डर को बेचकर बाहर निकल जाता है। अब ऐसे मामले बढ़ने से बिल्डिंगों का पुनर्विकास कर रहे निवासियों में दहशत पैâल गई है।

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