मुख्यपृष्ठअपराधउत्तर के माफिया: लवर बॉय जो बना माफिया कानून की पढ़ाई करना...

उत्तर के माफिया: लवर बॉय जो बना माफिया कानून की पढ़ाई करना चाहता था बिश्नोई

उत्तर भारत के माफियाओं की कहानी अगर सही मायने में लिखी जाए तो एक भरी-पूरी किताब और १६ पेज के अखबार का पन्ना हो या ४० पेज के अखबार का पन्ना कम ही पड़ जाएगा। उत्तर भारत में सबसे ज्यादा माफिया उत्तर प्रदेश में ही हुए है लेकिन ऐसा नहीं है कि उत्तर भारत का राज्य पंजाब, दिल्ली, राजस्थान, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश में माफिया नहीं हैं या हुए नहीं हैं। उत्तर प्रदेश के दबंग माफियाओं की बात करते करते हम बात करते हैं राजस्थानी परिवार के एक ऐसे हीरो जैसे दिखने वाले माफिया की जिसे लोग दिल्ली का जानते हैं, जबकि उसका परिवार राजस्थान का था, कामकाज पढ़ाई-लिखाई सब पंजाब में होती है। इसकी सल्तनत जेल से चलती है लेकिन उसकी दहशत का अलार्म आज भी पंजाब, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान में बजता है। हाल ही में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने जिन १० गैंगस्टरों के खिलाफ डोजियर तैयार किया है। उसमें टॉप मोस्ट में लॉरेंस बिश्नोई का नाम है।
क्राइम कंपनी का ब्रेन
गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का गिरोह पंजाब, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान में सक्रिय है। इसका गैंग कनाडा और दुबई से भी ऑपरेट होता है। लारेंस इस क्राइम कंपनी का ब्रेन माना जाता है और गोल्डी बरार कंपनी की ढाल, लॉरेंस का भांजा सचिन बिश्नोई कंपनी का भर्ती सेल और टारगेट का काम देखता है। गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की दहशत सिर्फ पंजाब ही नहीं बल्कि पूरे देश में पैâली हुई है, बड़े-बड़े अपराधी भी उसके नाम से कांपते हैं।
प्यार में हुआ गिरफ्त
हर युवक की तरह लॉरेंस ने भी सपने देखे थे अपनी गर्लप्रâेंड के साथ पूरी जिंदगी बिताने के, अपनी स्कूल टाइम स्वीटहार्ट के साथ वो हर पल बिताना चाहता था, साल २००८ में लॉरेंस दसवीं में पढ़ रहा था। अपनी क्लास की एक लड़की कविता (बदला हुआ नाम) लॉरेंस को बेहद पसंद थी। कविता भी लॉरेंस को पसंद करने लगी थी। दोनों की दोस्ती को दो साल से ज्यादा हो गया था। अब बारी थी कॉलेज की। कविता ने चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज में एडमिशन लिया तो लॉरेंस उससे दूर वैâसे रहता। वो भी अपनी गर्लप्रâेंड के साथ ही डीएवी कॉलेज का छात्र बन गया। कॉलेज में लॉरेंस बिश्नोई ने छात्र राजनीति शुरू कर दी। उसका कॉलेज में दोस्तों का अच्छा-खासा गैंग बन गया था लेकिन साथ ही उसके दुश्मन भी बनने लगे थे। कॉलेज का दूसरा उदय गैंग लॉरेंस बिश्नोई के बढ़ते कद से काफी चिढ़ने लगा था। उन्हें पता था कि लॉरेंस की जान कविता में बसती है। पूरे कॉलेज को लॉरेंस और उसकी गर्लप्रâेंड की लव स्टोरी का पता था।
गर्लप्रâेंड को दूसरे गैंग ने जिंदा जला दिया
डीएवी कॉलेज में अब लॉरेंस उस दूसरे ग्रुप के निशाने पर आ गया था। उनके हाथ में ताकत थी। वो किसी भी कीमत पर कविता को लॉरेंस से दूर करना चाहते थे, ताकि लॉरेंस टूट जाए। साल २०११ में ऐसी खबरें आर्ईं कि कॉलेज में लॉरेंस की गर्लप्रâेंड कविता को दूसरे गैंग ने बदला लेने के लिए जिंदा जला दिया। लॉरेंस से बदला लेने के लिए कविता को निशाना बनाया गया। लॉरेंस का बचपन का प्यार उससे छीन लिया गया। चंद सालों तक चली ये लव स्टोरी तो यहीं खत्म हो गई। हालांकि, इस घटना को एक्सीडेंट का नाम दिया गया, लेकिन इस घटना के बाद लॉरेंस की जिंदगी ने एक नया रूप ले लिया। बकौल, पुलिस अधिकारी लॉरेंस बिश्नोई भले ही एक शख्स हो लेकिन उसकी परछाई में कई गैंगस्टर के चेहरे छुपे हैं। पैसे से पावर बटोरने की कला उसने जग्गू से सीखी और गैंगस्टर नरेश शेट्टी, संपत नेहरा और सुक्खा से मिलकर हथियार के दम पर उगाही करने का देश का सबसे बड़ा नेटवर्क भी बना लिया। इसके नेटवर्क में आकर काला जठेड़ी, रिवॉल्वर रानी के नाम से चर्चित लेडी डॉन अनुराधा चौधरी समेत कई गैंगस्टर ने काली दुनिया का साम्राज्य ही खड़ा कर लिया। यही वजह है कि आज भले ही लॉरेंस बिश्नोई जेल के भीतर हो लेकिन उसके देश के कई राज्यों में शार्प शूटर हर वक्त तैनात रहते हैं। बस व्हॉट्सऐप से एक इशारा और पल भर में किसी का कहीं भी कत्ल, ये लॉरेंस बिश्नोई का शातिर दिमाग और तेवर ही है, जिसकी बदौलत उसका नेटवर्क कई राज्यों में चल रहा है। हालांकि, एक खिलाड़ी जिसका सपना रहा हो कानून की पढ़ाई करना, जब उसे कानून तोड़ना पड़े तो कोई न कोई मजबूरी रही ही होगी। बहुत कम लोग जानते होंगे की लॉरेंस एक अच्छे परिवार से जुड़ा है।

जय सिंह

(अगले अंक में पढ़ें…सांवराद का रॉबिनहुड राजस्थान का माफिया)

अन्य समाचार

फेक आलिया