जय सिंह
पंजाब का अमृतसर जो स्वर्ण मंदिर और जलियावाला बाग के लिए ऐतिहासिक रूप से जाना जाता है। हालांकि, कुछ गैंगस्टरों के कारण भी अमृतसर चर्चा में बना रहता है। यहां का एक युवक अपने घर से सरसों पेराई के लिए बाबा वकाला के गांव सठियाला की मशीन पर गया। उसी दौरान चार से पांच नकाबपोशों ने युवक पर अंधाधुंध करीब १५ मिनट तक गोलियां चलार्इं। उस युवक को २५ से ३० गोलियां लगी थी। पुलिस के आने के बाद पता चला कि शूट आउट में मारा गया यह कोई आम आदमी नहीं, बल्कि मशहूर जरनैल सिंह था। जरनैल सिंह सठियाला कॉलेज में विद्यार्थी यूनियन का प्रधान भी रह चुका है। करीब पांच साल पहले वह गैंगस्टर गोपी घनश्यामपुरा के संपर्क में आया था। इसके बाद वह इस गैंग का गुर्गा बन गया। इस गिरोह के गुर्गों का काम कारोबारियों, उद्योगपतियों और धनाढ्य लोगों से रंगदारी वसूल करना और उनका अपहरण करना था। इस गिरोह के सदस्य हथियार खरीदना और बेचने का धंधा भी करते थे।
साल २०१८ में गैंगस्टर गोपी घनश्यामपुरा का उत्तर प्रदेश पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया था। इस दौरान जरनैल सिंह के खिलाफ भी रंगदारी, फायरिंग करने और अवैध पिस्तौल बरामद होने के कई मामले दर्ज थे। जरनैल हरियाणा और दिल्ली में कई मामलों में फरार था। २०१६ में जरनैल ने अपने सहयोगी जितेंद्र उर्फ गोगी के साथ मिलकर हरियाणा पुलिस पर फायरिंग की थी। २०१७ में पुलिस ने हथियारों की एक बड़ी खेप पकड़ी थी, जिसमें हथियारों के साथ गोगी तो पकड़ा गया था, लेकिन जरनैल भागने में सफल रहा था। पुलिस को सूचना मिली कि जरनैल उत्तराखंड में घूम रहा है। पुलिस की टीम ने नानकमत्ता में छापा मारा। जरनैल को पता चला कि वह घिर चुका है तो बचने के लिए खुले मैदान में भागने लगा, लेकिन पुलिस की गोली उसे लग गई और घायल होकर पकड़ा गया। जरनैल गोगी का शूटर था।
अन्य गैंगस्टरों की तरह जरनैल की भी अपनी कहानी है। पढ़ाई के दौरान २०१३ में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ का चुनाव से दिल्ली के ताजपुर वाले सुनील टिल्लू गिरोह से उसकी दुश्मनी शुरू हुई। इसी दुश्मनी से शुरू हुई हत्याओं और जवाबी हत्याओं का दौर। २००५ में जरनैल ने गोगी और योगेश टुंडा के साथ मिलकर हरियाणा पुलिस पर फायरिंग की थी। बकौल, एसएसपी देहात सतिंदर सिंह द्वारा घटना के आस-पास एरिया में लगे सीसीटीवी की फुटेज खंगाली गई, जिसमें उन्होंने हत्यारों की पहचान कर लिए जाने का दावा भी किया।
सठियाला गांव के गैंगस्टर डोनी बल ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डाल कर गैंगस्टर जरनैल सिंह की हत्या करने की जिम्मेदारी ली। उसने दावा किया कि जरनैल का हमारे ग्रुप गोपी घनश्यामपुरा के साथ कोई लिंक नहीं है। डोनी ने इस पोस्ट में कहा कि जरनैल सिंह की हत्या उसने खुद की है। हत्याकांड में किसी नाजायज को तंग नहीं किए जाने की बात भी डोनी ने कही है। गोपी माहल के साथ गैंगस्टर जरनैल सिंह की हत्या की जिम्मेदारी लेते हुए बल ने दावा किया कि यह हमारे एंटी ग्रुप जग्गू भगवानपुरिया, खोती और हैरी चट्ठा ग्रुप के साथ संबंध रखता था।
ब्यास पुलिस ने जरनैल सिंह का पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया। पुलिस ने मृतक के पिता अजीत सिंह के बयानों पर अज्ञात पर केस दर्ज किया है। मृतक के पिता ने पुलिस को बताया कि सुबह करीब ११.३० बजे सरसों और मकई आदि घड़ुके (पीटर रेहड़ा) पर लादकर पशुओं का चारा तैयार करवाने के लिए सठियाला चक्की पर गया था। इस दौरान स्विफ्ट कार में चार अज्ञात युवा उतरे, जिन्होंने आते ही उसके बेटे पर फायरिंग शुरू कर दी। इससे उसका बेटा जरनैल सिंह जमीन पर गिर गया। उसने मार-दिया, मार-दिया का शोर मचाया तो हमलावर अपने हथियारों के साथ वहां से फरार हो गए। जरनैल सिंह सठियाला कॉलेज में विद्यार्थियों का नेता रहा था, तो उसके साथ काफी युवा जुड़े हुए थे। वह यूथ कांग्रेस का वर्कर भी रहा है, लेकिन उसके पास पार्टी में किसी तरह का पद होने की बात अभी तक सामने नहीं आई। उसने चुनावों के दौरान पूर्व विधायक संतोख सिंह भलाईपुर के लिए चुनाव में प्रचार भी किया था।