जय सिंह
अपराध की दुनिया एक ऐसी दुनिया है, जिसमें आदमी घुसता तो अपने असली नाम के साथ है, लेकिन जब वापस आता है तो उसका नाम अजीबोगरीब हो जाता है। इसी तरह उत्तर हिंदुस्थान का एक कुख्यात माफिया, जो मामूली झगड़े में जेल गया तो वीरेंद्र के नाम से, पर जब निकला तो ‘काला’ राणा हो गया था। आइए उसी से जुड़े एक वीडियो की सच्चाई बताते हैं।
कुछ महीने पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो खूब वायरल हुआ, जिसमें एक व्यक्ति यह कह रहा था कि मैं बहुत गंदा आदमी हूं, मैंने बेगुनाहों की हत्या की है। मैंने फिरौती ली। दरअसल, यह वीडियो कितना सच्चा है और कितना झूठा यह तो पता नहीं लेकिन इस वीडियो में जो आदमी अपने पापों का प्रायश्चित कर रहा है, वह कोई छोटा-मोटा शख्स नहीं, बल्कि हरियाणा अंडरवर्ल्ड का कुख्यात माफिया वीरेंद्र प्रताप उर्फ काला राणा था। उत्तर हिंदुस्थान के टॉप गैंगस्टर्स में से एक इस काला राणा को एसटीएफ हरियाणा के इनपुट के बाद गिरफ्तार किया गया था।
आपराधिक मामले बढ़ने के बाद काला राणा कुछ साल पहले देश से भागकर थाईलैंड चला गया था। सूत्रों की मानें तो काला राणा का वह वीडियो पुलिस की एक चाल है, ताकि उसे देखकर गैंगस्टरों की कमर टूट जाए। दिल्ली पुलिस ने काला राणा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। गिरफ्तारी के पहले काला राणा लगातार थाईलैंड में बैठकर काला जठेड़ी और लॉरेंस बिश्नोई जैसे कुख्यात अपराधियों के सिंडिकेट को भी चला रहा था। आइए आगे की कहानी में आपको बताते हैं कि आखिर वीरेंद्र प्रताप नामक शख्स नामी गैंगस्टर काला राणा में वैâसे तब्दील हो गया। वीरेंद्र हरियाणा के यमुनानगर इलाके का बताया जाता है। थाईलैंड में बैठकर काला जठेड़ी के पूरे सिंडिकेट को चलाने वाले राणा के ऊपर हरियाणा में ३० आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस के मुताबिक, हरियाणा में दर्ज मुकदमों में हत्या, हत्या के प्रयास, जबरन वसूली और आपराधिक धमकी जैसे संगीन जुर्म शामिल हैं। काला राणा का जो वीडियो वायरल हुआ उसमें उसने २०१२ से अपराध की बात कबूल की है। काला राणा लॉरेंस बिश्नोई का खासमखास है। २०१७ में काला राणा उस समय चर्चा में आया, जब उसने संपत नेहरा के साथ मिलकर पूर्व विधायक दिलबाग सिंह पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई थीं। यहां यह बताना जरूरी है कि संपत नेहरा वही गैंगस्टर है, जो लॉरेंस बिश्नोई के आदेश पर बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान का गेम करने गया था लेकिन काम न होने पर वापस आ गया। २०१८ में काला राणा फर्जी पासपोर्ट बनाकर थाईलैंड चला गया था। काला राणा का उस समय पता चला जब पुलिस ने २०२० में राजू फासौदी को थाईलैंड से गिरफ्तार किया था। तब राजू ने पुलिस को बताया कि राणा भी वहीं है। तब दिल्ली पुलिस ने इंटरपोल की मदद से काला राणा को पकड़ा और २८ जनवरी को उसे दिल्ली लाया गया। २० जनवरी, २०२२ को अंबाला में हुए दोहरे मर्डर की बात राणा ने कबूल की थी। दोनों हत्या काला राणा ने गोल्डी बराड़ के साथ मिलकर की थी।
अगले अंक में पढ़ें : गवाही देना, मौत को दावत!