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मुंबई का माफियानामा : फजलू-बुदेश गठबंधन …बबलू श्रीवास्तव ने निभाई थी महत्वपूर्ण भूमिका

तीन सालों की चुप्पी के बाद आपराधिक दुनिया में लौटा था अली

विवेक अग्रवाल

हिंदुस्थान की आर्थिक राजधानी, सपनों की नगरी और ग्लैमर की दुनिया यानी मुंबई। इन सबके इतर मुंबई का एक स्याह रूप और भी है, अपराध जगत का। इस जरायम दुनिया की दिलचस्प और रोंगटे खड़े कर देनेवाली जानकारियों को अपने अंदाज में पेश किया है जानेमाने क्राइम रिपोर्टर विवेक अग्रवाल ने। पढ़िए, मुंबई अंडरवर्ल्ड के किस्से हर रोज।

यह भी था एक गठबंधन…
अपराध जगत का गठबंधन…
बहरीन में बना गठबंधन…
खास मकसद के लिए बना गठबंधन…
…महानगर समेत देशभर में आपराधिक कर्मों से आतंक की लहर पैदा करने वाले फजल-उर-रहमान उर्फ फजलू को एक वक्त में दाऊद विरोधी सिंडिकेट के संयोजक और गिरोह सरगना अली बुदेश उर्फ अली बाबा उर्फ बाबा बुदेश उर्फ अली भाई उर्फ एबी भाई का भी सहयोग मिला था। उन्होंने लगभग तीन साल तक साथ काम किया।
अली-फजलू गठबंधन सन २००१ में हुआ था। उन्हें साथ लाने में महत्वपूर्ण भूमिका बबलू श्रीवास्तव ने निभाई थी। बबलू ने ही अली का परिचय फजलू से करवाया था। कहते हैं कि बहरीन में अली और फजलू की मुलाकात भी आपसी तालमेल के लिए हुई थी। बबलू तब जेल की सलाखों के पीछे था, जबकि फजलू मलेशिया में अड्डा जमाए था।
बताते हैं कि तीन सालों की चुप्पी के बाद अली आपराधिक दुनिया में लौटा था। उसके इशारे पर फजलू के साथियों ने मुंबई समेत देश के कई इलाकों में हफ्ताखोरी और अपहरण जैसी वारदातें शुरू कीं। अली-फजलू गिरोह मुंबई के अलावा गुजरात, बंगलुरु, दिल्ली, हैदराबाद और उत्तर प्रदेश में पांव पसारे हुए था। इन इलाकों में अली-फजलू ने ढेरों व्यापारियों-उद्योगपतियों का अपहरण कर फिरौती वसूली या धमकाकर हफ्तावसूली की थी।
इस बार अली ने बेहद चालाकी से अपना नाम सामने आने से बचाए रखा। उसने फजलू का ही नाम हर बार सामने किया, ताकि भारतीय पुलिस उसके प्रत्यर्पण हेतु इंटरपोल और बहरीन पुलिस पर दबाव न बना सके। ये गठबंधन भी अधिक समय तक न टिका। इस रिश्ते में कहीं कोई कसर रह गई थी।
अंडरवर्ल्ड में बोलते हैं ना:
– जोड़ा बनाया तो चलेंगा तभी, जबी काम में ईमान होएंगा।

(लेखक ३ दशकों से अधिक अपराध, रक्षा, कानून व खोजी पत्रकारिता में हैं, और अभी फिल्म्स, टीवी शो, डॉक्यूमेंट्री और वेब सीरीज के लिए रचनात्मक लेखन कर रहे हैं। इन्हें महाराष्ट्र हिंदी साहित्य अकादमी के जैनेंद्र कुमार पुरस्कार’ से भी नवाजा गया है।)

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