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उद्धव ठाकरे के हाथों गोदावरी की महाआरती, प्रभु रामचंद्र की पावनभूमि पर महाआरती का भक्तिरस… रामकुंड परिसर में उतरा अयोध्या धाम

सामना संवाददाता / मुंबई
मर्यादा पुरुषोत्तम, सत्यवचनी प्रभु रामचंद्र कल अयोध्या नगरी में बड़ी ही धूमधाम से विराजमान हो गए। इस बीच कल प्रभु रामचंद्र की कर्मभूमि पंचवटी रामकुंड परिसर में पवित्र गोदावरी की महाआरती के कारण भक्ति में नहा उठा। शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे के हाथों पवित्र गोदावरी की महाआरती की गई। इस अवसर पर गोदावरी में श्रद्धापूर्वक सैकड़ों दीपदान किए गए। साथ ही गोदावरी की तलहटी को लाखों दीपों से जगमगा दिया गया। इस कारण गोदावरी सोने की तरह झलक रही थी। मंगलमय राम स्तुति गीत, शंखनाद, ढोल-ताशे की गूंज और राम नाम के जयघोष के साथ अचंभित और मनमोहक कर देनेवाला समारोह के कारण रामकुंड पंचवटी क्षेत्र में सचमुच अयोध्या उतर गई। शिवसेना द्वारा आयोजित किए गए इस समारोह में हजारों भक्त उपस्थित थे।

प्रभु रामचंद्र की जन्मभूमि की तरह ही नासिक में कर्मभूमि पंचवटी रामकुंड क्षेत्र का भी उसी बराबर ही महत्व है। सैकड़ों वर्षों की सांस्कृतिक परंपरा की विरासत रखनेवाले रामकुंड पंचवटी क्षेत्र प्रभु रामचंद्र के पद स्पर्श से पावन हुआ है इसलिए इस स्थान का बहुत बड़ा महत्व है। इसलिए शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष की तरफ से इस महाआरती समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान सौ. रश्मि ठाकरे, शिवसेना नेता व युवासेनाप्रमुख आदित्य ठाकरे, तेजस ठाकरे भी उपस्थित थे। इस समारोह के अवसर पर उद्धव ठाकरे पहले कालाराम मंदिर में प्रभु रामचंद्र का दर्शन किए। इसके बाद रामकुंड परिसर में पूजा-अर्चना करके गोदावरी की महाआरती की गई। गणपति के ‘सुखकर्ता दुखहर्ता’ आरती के साथ ‘जयदेवी- जयदेवी जय गंगामाई, पावन कर मज सत्वर विश्वाचे आई’ की गोदावरी की आरती की गई।
केवल राम और राम ही!
शिवसेना की ओर से प्रभु रामचंद्र की महाआरती होने से पूरे पंचवटी क्षेत्र में भक्तिमय और राममय माहौल बन गया था। सड़कों पर मनमोहक रंगोलियां बनाई गर्इं। जगह-जगह केवल रामनाम की ही भक्ति हो रही थी। राज्य के कोने-कोने से आए भक्त बड़ी भक्तिभाव से रामकुंड में दीप, पुष्प और भोग अर्पित कर रहे थे।
विधिवत शास्रोक्त पूजा-आरती
इस अवसर पर पुजारियों के मंत्रोच्चार के साथ गोदावरी की शास्त्रोक्त पूजा-अर्चना के बाद महाआरती की गई। इसमें गणपति, दुर्गामाता और गोदावरी माता की आरती की गई। इस दौरान सौ. रश्मि ठाकरे ने रामकुंड में श्रीफल, दीप, फूल, नैवेद्य अर्पण किए। पुजारियों ने गोदावरी और प्रभु रामचंद्र की प्रार्थना करते हुए महाराष्ट्र में सुख व शांति आए, समृद्धि आए इस तरह की प्रार्थना की।
मनमोहक रोशनी – आतिशबाजी
महाआरती के अवसर पर पूरे पंचवटी क्षेत्र को आकर्षक रोशनी से सजाया गया था। महाआरती शुरू होते ही यहां पटाखों की आतिशबाजी की गई। इसी में आरती का समापन होते ही सैकड़ों दीप रामकुंड में अर्पण किए गए।
पवित्र रामकुंड भक्तों का श्रद्धा स्थान
पंचवटी परिसर में रामकुंड समेत लक्ष्मण कुंड, सीता कुंड, हनुमान कुंड, अहिल्या कुंड जैसे करीब १०८ कुंडे होने से यह क्षेत्र कुल मिलाकर भक्तों के लिए श्रद्धा स्थान है। यह भी दर्ज है कि प्रभु रामचंद्र के पिता दशरथ का श्राद्ध कर्म इसी स्थान पर किया गया था। इसी पवित्र स्थान पर प्रभु रामचंद्र स्नान कर्म के लिए आते थे। भक्त पवित्र रामकुंड में स्नान करते हैं और कपड़े, दीपक, फूल, अन्नदान करके प्रभु रामचंद्र से प्रार्थना करते हैं। रामकुंड में अस्थियां विसर्जित की जाएं तो साढ़े तीन घंटे में विलीन हो जाती हैं इसलिए इस स्थान पर देश-विदेश से लोग पूजा-पाठ लिए आते रहते हैं। इस स्थान पर हर रोज शाम सात बजे गोदावरी नदी की आरती भी नियमित की जाती है।

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