रामदिनेश यादव
लोकसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर महासंग्राम जारी है। नासिक लोकसभा सीट को लेकर भाजपा, शिंदे गुट और अजीत पवार गुट में जमकर घमासान मचा हुआ है। इस सीट को लेकर शिंदे गुट के हेमंत गोडसे कई बार एकनाथ शिंदे के घर का घेराव भी कर चुके हैं। वैसे गोडसे को टिकट देने के लिए एकनाथ शिंदे के पुत्र श्रीकांत शिंदे पहले ही घोषणा कर चुके हैं, लेकिन अब छगन भुजबल ने ऐसा दबाव बनाया है कि गोडसे के नाम की घोषणा शिंदे गुट नहीं कर पा रहा है।
इस लोकसभा सीट को लेकर तीनों दलों में तलवारें खिंची हैं। भाजपा, शिंदे गुट और अजीत पवार गुट इस सीट पर उम्मीदवारी के लिए दावा कर रहे हैं। अब अजीत पवार गुट के वरिष्ठ नेता और मंत्री छगन भुजबल ने नासिक की सीट से महायुति में सहयोगी दल भाजपा को चुनौती दी है। उधर, शिंदे गुट के हेमंत गोडसे ने उम्मीदवारी के लिए जोरदार फील्डिंग की, तो वहीं अजीत पवार गुट के नेता छगन भुजबल भी उम्मीदवारी में रुचि रखते हैं और भाजपा भी इस सीट पर इच्छुक लग रही है इसलिए शिंदे गुट और अजीत पवार गुट को आपस में उलझा कर रखा है। ऐसे में भाजपा की नीति अब छगन भुजबल को समझ में आ गई है और छगन भुजबल ने भाजपा को साफ सलाह दी है कि वह जो भी पैâसला लेना चाहती है जल्दी ले, अन्यथा उसे नुकसान होगा।
रामनवमी के मौके पर नासिक के कालाराम मंदिर में इन दोनों महत्वाकांक्षी नेताओं की मुलाकात हुई। इसी समय हेमंत गोडसे भुजबल के पैरों पर गिर पड़े। जब मीडिया ने नासिक से उम्मीदवारी को लेकर सवाल पूछा तो छगन भुजबल ने गुस्सा जाहिर किया। भुजबल ने कहा कि भाजपा इन सीटों पर निर्णय लेने में विलंब कर रही है। मेरी भाजपा को सलाह है कि उसे जो भी निर्णय लेना है जल्दी ले, अन्यथा उसका परिणाम उसे भुगतना होगा। उन्होंने कहा कि २० मई को यहां चुनाव होना है इससे पहले अगर कोई निर्णय ले लें तो ज्यादा उचित है।