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महायुति में महाभारत! … एक फुल एक हाफ को दादा का दम! …बार-बार की बेइज्जती से बेकाबू हुए अजीत पवार

कार्यकर्ताओं की आड़ में दे डाली सार्वजनिक चुनौती
सुनील ओसवाल / मुंबई
विधानसभा चुनाव से पहले महायुति में महाभारत शुरू हो गई है। इस महाभारत के केंद्र में उपमुख्यमंत्री अजीत दादा पवार हैं। असल में मामला सीटों के बंटवारे का चल रहा है और इसे लेकर महायुति में शामिल भाजपा और शिंदे गुट के नेता दादा पर बयानबाजी कर रहे हैं। कुछ भी सहने की एक सीमा होती है। जब दादा का धैर्य जवाब दे गया तो उन्होंने सीधे एक फुल और एक हाफ को दम दे डाला। एक फुल यानी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और हाफ यानी उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस। बार-बार की बेइज्जती से बेकाबू होकर अजीत पवार ने सीधे सार्वजनिक चुनौती देते हुए कहा है कि मेरे कार्यकर्ताओं पर अशोभनीय व अपमानजनक टिप्पणी हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।
बता दें कि जब से महायुति में शामिल होकर अजीत पवार ने उपमुख्यमंत्री का पद संभाला है तब से पहली बार उन्होंने महायुति के अन्य दलों शिंदे गुट और भाजपा को दम दिया है। जैसा कि सबको पता है कि लोकसभा चुनाव में हार के बाद अजीत पवार और उनकी पार्टी के नेता व कार्यकर्ता लगातार सहयोगी दलों के निशाने पर हैं।

अजीत पवार हुए आक्रामक
महायुति को कह सकते हैं गुडबाय!
सम्मान यात्रा के समापन पर दादा ने दी भाजपा व शिंदे गुट को सार्वजनिक चेतावनी
महायुति में भाजपा और शिंदे गुट के नेताओं की बार-बार की बयानबाजी से उपमुख्यमंत्री अजीत दादा पवार नाराज हो गए हैं। नाराज दादा ने साफ संकेत दिया है कि वे अब और ज्यादा बर्दाश्त नहीं करेंगे। महाराष्ट्र विधान परिषद के पूर्व अध्यक्ष और अजीत पवार गुट के नेता रामराजे नाइक-निंबालकर तो नाराज थे ही, इसके बाद अब दादा भी आक्रामक हो गए हैं। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि दादा महायुति को गुडबाय भी बोल सकते हैं।
बता दें कि इससे पहले भाजपा के पूर्व सांसद रणजीत सिंह नाइक ने निंबालकर और उनके साथी दादा गुट पर आक्रामक बयानबाजी की थी। इसके बाद बारामती में जन सम्मान यात्रा के समापन के दौरान अजीत पवार ने कड़ा रुख अपनाया और भाजपा व शिंदे गुट को सार्वजनिक चेतावनी दे डाली। इस कारण एक बार फिर से महायुति में अंदरूनी कलह सामने आ गई है। चूंकि महायुति में शामिल होने के बाद दादा से मुस्लिम मतदाता छिटक गए और वे राकांपा (शरदचंद्र पवार) से जुड़ गए इसलिए दादा को सड़क पर उतरकर मेहनत करनी पड़ रही है। इसी दौरान फलटण में आयोजित कार्यकर्ताओं की बैठक में रामराजे नाइक-निंबालकर ने फडणवीस पर हमला बोला। सूत्रों के मुताबिक, अजीत पवार से फडणवीस ने रामराजे निंबालकर को दोबारा विधान परिषद का सभापति बनाने का वादा किया था, लेकिन इसका पालन नहीं किया। इसलिए भी दादा नाराज हैं।
सांसद तटकरे की नाराजगी
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अजीत पवार ने सोमवार दोपहर को रामराजे निंबालकर के साथ बैठक की, जिसमें रामराजे के समर्थक भी मौजूद थे। दादा ने रामराजे और उनके समर्थकों की बात सुनी। अजीत पवार गुट के प्रदेश अध्यक्ष सांसद सुनील तटकरे ने भी शिंदे गुट के नेताओं की ओर से लगातार हो रही बयानबाजी पर सार्वजनिक रूप से नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि इस तरह के बयान देना उचित नहीं है। केंद्र में भाजपा नेताओं से बात कर कार्यकर्ताओं का सम्मान बनाए रखा जाएगा।

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