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घटिया निर्माण करने वाले बिल्डरों की महारेरा ने कसी नकेल! …बेहतर क्वालिटी के लिए महारेरा ने उठाए कई कदम

पेश किए कई सुझाव
सामना संवाददाता / मुंबई
रियल एस्टेट क्षेत्र में निर्माण की गुणवत्ता हमेशा चर्चा और चिंता का विषय बनी रहती है। बिल्डरों द्वारा अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान नहीं दिया जाता है। शहरभर में हो रहे कंस्ट्रक्शन गुणवत्ता में कमी नजर आने के बाद महारेरा ने बिल्डरों की नकेल कसने के लिए कई सुझाव पेश किए है, जिसके मुताबिक बिल्डरों को निर्माण कार्य करना पड़ेगा। इससे बिल्डरों में हड़कंप मचा हुआ है। बताया जाता है कि बिल्डरों द्वारा निर्माण कार्य करके जब उपभोक्ताओं को घर दिया जाता है उसके कुछ दिन बाद भी घर में रहने वाले उपभोक्ता घटिया निर्माण कार्य की शिकायत करता है। इस तरह की शिकायत मिलने के बाद महारेरा ने हाल ही में व्यापक विवरण के साथ एक सर्वुâलर जारी किया है। जिसके अनुसार, अब बिल्डरों को अपने ‘प्रोजेक्ट के संबंध में सालाना दिए जाने वाले प्रोजेक्ट क्वालिटी एश्योरेंस का सेल्फ-सर्टिफिकेशन डिक्लेरेशन’ का ड्राफ्ट महारेरा की वेबसाइट पर अपलोड करना होगा। महारेरा ने इस संबंध में सुझाव और राय भी आमंत्रित की हैं। यह सुझाव २३ मई तक भेजे जा सकते है, क्योंकि किसी भी आवास परियोजना की गुणवत्ता उसके संरचनात्मक डिजाइन, स्थिरता और परीक्षण, परियोजना में उपयोग की जाने वाली विभिन्न प्रकार की सामग्रियों, परियोजना के निर्माण में शामिल कारीगरों के कौशल, गुणवत्ता और अग्नि सुरक्षा, आग से बचाव के उपाय आदि पर निर्भर करती है। यदि प्रमोटर हर स्तर पर इसका सख्ती से ध्यान रखता है तो इससे प्रोजेक्ट की गुणवत्ता बनाए रखने में मदद मिलती है।
५ साल तक डेवलपर को करनी पड़ेगी घर की मरम्मत
महारेरा की ओर से जारी सर्कुलर के प्रावधान के अनुसार, ट्रांसफर की तारीख से ५ वर्ष तक घर की गुणवत्ता में पाई गई कमियों को डेवलपर को अपने खर्च पर ३० दिनों के भीतर ठीक करना होगा। महारेरा का मानना है कि भले ही ग्राहकों के हितों की रक्षा की जा रही हो, लेकिन ऐसी परिस्थिति आनी ही नहीं चाहिए। इसीलिए महारेरा ने निर्माण के लिए स्टैन्डर्डाइज्ड प्रक्रियाएं और मानक तय करने की पहल की है और इसलिए सुझाव और राय की मांग की है।
बता दें कि रियल इस्टेट क्षेत्र में निर्माण की गुणवत्ता हमेशा चर्चा और चिंता का विषय रही है। गुणवत्ता को लेकर जो आशंकाएं है उससे बचने के लिए गुणवत्ता को लेकर जारी नियमों को कड़ाई से पालन करना होगा, ऐसा महारेरा ने जारी सर्कुलर में कहा है।
परियोजना में बिजली, पानी की आपूर्ति, जल निकासी जैसे सभी महत्वपूर्ण कार्य रजिस्टर्ड इंजीनियरों, ठेकेदारों की देख रेख में किए जाते है। इसके साथ ही दीवार में कोई रिसाव और नमी न हो आदि बातों का ध्यान रखा जाता है। इसी प्रकार, यदि निर्माण अवधि के दौरान और निर्माण पूरा होने के बाद तीसरे पक्ष के माध्यम से परियोजना स्थल पर गुणवत्ता परीक्षण कराया जाता है, जिसमें फायर सेफ्टी, अग्लि इग्जिट उपायों आदि चीजों को परियोजना पर्यवेक्षक, इंजीनियरों द्वारा प्रमाणित करने के बाद, प्रमोटर को सभी वस्तुओं की दोबारा पुष्टि करनी होगी और ‘गुणवत्ता गारंटी घोषणा’ स्वयं जमा करनी होगी।

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