सामना संवाददाता / मुंबई
संसद और विधानमंडल में विपक्ष ने मणिपुर के मुद्दे पर भाजपा को घेरा है। सड़क सहित विभिन्न माध्यम से देशभर में भाजपा के विरोध में लड़ाई शुरू है। इस लड़ाई के लिए स्थापित हुई ‘इंडिया’ की दोनों बैठक सफल हुई है। अब आगामी बैठक मुंबई में होगी। इसके लिए महाविकास आघाड़ी के सभी घटक एकजुट हैं। आज महाविकास आघाड़ी के विधायकों की संयुक्त बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में भाजपा के विरोध में लड़ाई लड़ने के लिए ब्ल्यू प्रिंट तैयार होगा।
महाविकास आघाड़ी के शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस इन तीनों दलों के विधायकों की आज संयुक्त बैठक शाम को चर्चगेट स्थित एमसीए लाउंज में आयोजित की गई है। इस बैठक में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले और राष्ट्रवादी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील प्रमुख रूप से मार्गदर्शन करेंगे।
महाविकास आघाड़ी की इस बैठक के संदर्भ में राजनीतिक विशेषकर भाजपा के गुटों में उलट- सुलट शुरू है। इस बैठक में भाजपा विरोधी आगामी मुहिम क्या तय होगी, इसका वे अंदाज ले रहे हैं। मणिपुर में हुई हिंसा के मुद्दे पर विरोधी दल भाजपा पर टूट पड़ा है। ‘इंडिया’ गठबंधन के १६ दलों के २१ सांसदों ने जलते हुए मणिपुर में जाकर वहां के शिविरों में पीड़ितों से मुलाकात की। दिनोंदिन मजबूत होते ‘इंडिया’ को देखकर भाजपा में बैचेनी बढ़ गई है। इसी तरह राज्य स्तर पर विरोधी दलों की ताकत बढ़ने लगी है, जिसके कारण भाजपा के विशेषज्ञ चिंता में पड़ गए हैं। इस बैठक में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पार्टी के विधायक दल के नेता अजय चौधरी, कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोरात, समाजवादी पार्टी के अबू आजमी, शेकाप के नेता जयंत पाटील, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के जितेंद्र आव्हाड सहित विधान परिषद के शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पार्टी के विधायक एड. अनिल परब, राष्ट्रवादी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे इन प्रमुख नेताओं सहित महाविकास आघाड़ी के सभी विधायक उपस्थित रहेंगे, यह जानकारी इस बैठक के संयोजक व विधान परिषद के विरोधी दल नेता अंबादास दानवे ने दी। महाविकास आघाड़ी विधायकों की अचानक बैठक बुलाए जाने से राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार शुरू है। भाजपा विरोधी ‘इंडिया’ गठबंधन की मुंबई में होनेवाली आगामी बैठक, मणिपुर के मुद्दे पर सरकार पर हो रहे विरोधी दलों के हमले आदि की पृष्ठभूमि पर आज की यह बैठक महत्वपूर्ण मानी जा रही है।