-विदर्भ में ‘ईडी’ को जोरदार झटका
-६२ में से २० सीटें मिलने के आसार
लोकसभा चुनाव में महायुति की हालत काफी पतली थी और माना जा रहा है कि इस बार विधानसभा चुनाव में उसका सफाया तय है। शायद इसी डर से महाराष्ट्र चुनाव की घोषणा में विलंब किया जा रहा है।
सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का वक्त नजदीक आता जा रहा है और कभी भी इसकी घोषणा हो सकती है। इस बीच राज्य में विभिन्न एजेंसियां सर्वे कर रही हैं और इसके नतीजे बता रहे हैं कि इस बार चुनाव में महायुति की बत्ती गुल होनेवाली है। अब ‘लोक पोल’ का एक ताजा सर्वे आया है, जिसके नतीजे बता रहे हैं कि इस बार महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव में महायुति का सूपड़ा साफ होनेवाला है।
मिली जानकारी के अनुसार, महाराष्ट्र के इस ताजा सर्वे में क्षेत्रवार किस पार्टी को कितनी सीटें मिल सकती हैं, इसका अनुमान व्यक्त किया गया है। इसमें क्षेत्रवार लोगों को कौन से मुद्दे प्रभावित कर रहे हैं। इसका भी उल्लेख किया गया है। इस सर्वे में महायुति को ११५ से १२८ सीटें और महाविकास आघाडी को १४१ से १५४ सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है।
महंगाई, भ्रष्टाचार, जर्जर कानून व्यवस्था और बढ़ती बेरोजगारी
भाजपा का करेंगे पत्ता साफ!
-ताजा सर्वे में महाविकास आघाडी की बनेगी सरकार
सर्वे में महायुति को ३८ से ४१ फीसदी, जबकि महाविकास आघाडी के खाते में ४१-४४ फीसदी वोट मिलने का अनुमान लगाया गया है। दोनों गठबंधन के बीच ३ फीसदी का अंतर बताया गया है।
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव आगामी नवंबर में होने की संभावना है। इसके लिए महायुति और महाविकास आघाडी के घटक दल राज्य में सक्रिय हैं। ‘लोकपोल’ के ताजा सर्वे में बताया गया है कि एमवीए को विधानसभा चुनावों में १४१ से १५४ सीटें मिल सकती हैं, जबकि महायुति का सफाया तय है। सर्वे में महायुति को ११५ से १२८ सीटें मिलने का अनुमान व्यक्त किया गया है। महाराष्ट्र के अन्य दल जो किसी भी गठबंधन का हिस्सा नहीं हैं। उन्हें ५ से १८ सीटें मिल सकती हैं। सर्वे के अनुसार, इस बार महंगाई, भ्रष्टाचार, जर्जर कानून व्यवस्था, महाराष्ट्र के गौरव को नुकसान और बढ़ती बेरोजगारी जैसे मुद्दे भाजपा का पत्ता साफ कर देंगे।
बता दें कि ‘लोकपोल’ ने अपने सर्वे में कहा है कि भाजपा की अगुवाई वाली महायुति (एनडीए) को विदर्भ, मराठवाडा और पश्चिमी महाराष्ट्र में भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। इन क्षेत्रों में महाविकास आघाडी को फायदा होगा। महायुति में भाजपा, शिंदे गुट और अजीत पवार का गुट शामिल हैं। इसके अलावा कुछ छोटे दल भी हैं। सर्वे में महायुति और महाविकास आघाडी को मिलने वाले वोट प्रतिशत का भी अनुमान लगाया गया है। इसमें कहा गया है कि एनडीए यानी महायुति को ३८-४१ फीसदी तक वोट मिल सकते हैं, जबकि महाविकास आघाडी यानी इंडिया अलायंस के खाते में ४१-४४ फीसदी वोट मिल सकते हैं। दोनों गठबंधनों के बीच वोटों का फासला तीन फीसदी का है। सर्वे में कहा गया है कि ग्रामीण संकट, महंगाई, भ्रष्टाचार, कानून व्यवस्था की विफलता, महाराष्ट्र के गौरव को नुकसान और बढ़ती बेरोजगारी जैसे मुद्दे भाजपा के लिए चुनौती बन रहे हैं। इन मुद्दों ने भाजपा के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी का निर्माण किया है। इसने भाजपा के खिलाफ सत्ता विरोधी भावना को बढ़ाया है। राज्य में कई समस्याओं के लिए लोगों ने फडणवीस को जिम्मेदार ठहराया है। महाराष्ट्र से गुजरात की ओर बढ़ रही परियोजनाएं जमीनी स्तर पर नाराजगी का कारण है।
१०० सीटों के अंदर सिमट जाएगी महायुति! –रोहित पवार का दावा
राकांपा (शरदचंद्र पवार) के विधायक रोहित पवार ने ‘एक्स’ पर एक सांकेतिक पोस्ट शेयर किया है। इसमें उन्होंने दावा किया है कि भाजपा ने एक आंतरिक सर्वे कराया है। इस आंतरिक सर्वे के अनुसार, महायुति १०० सीटों के भीतर सिमट जाएगी। इसमें अजीत पवार गुट सिर्फ ७ से ११ सीटें ही जीत सकता है, जबकि शिंदे गुट को १७-२२ सीटें और खुद भाजपा को ६२-६७ सीटें मिलेंगी। सूत्रों के अनुसार, हाल ही में भाजपा का आंतरिक सर्वे आया है, जिसमें अनुमान लगाया गया है कि अजीत दादा के गुट को ७-११ सीटें, शिंदे गुट को १७-२२ सीटें और खुद भाजपा को ६२-६७ सीटें मिलेंगी। इससे भाजपा के अंदर भय व्याप्त हो गया है।