उमेश गुप्ता / वाराणसी
आईआईटी बीएचयू की छात्रा के साथ दुष्कर्म के आरोपी भाजपा पदाधिकारियों की जमानत के खिलाफ ज़िला व महानगर महिला कांग्रेस, वाराणसी द्वारा विरोध प्रदर्शन हुआ और प्रधानमंत्री को चूड़ियां भेजी गई। कोतवाली के पास डाकघर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चूड़ी भेजकर महिला कांग्रेस की सदस्यों में अपना विरोध दर्ज कराया ।
ज़िलाध्यक्ष महिला कांग्रेस अनुराधा यादव व महानगर अध्यक्ष महिला कांग्रेस पूनम विश्वकर्मा ने संयुक्त रूप कहा कि देश में कलंकित घटनाओं के बाद मोदी सरकार दुराचारी को बचाने में लग जाती है कई दिनों तक एफआईआर नहीं लिखी जाती, जब तक लोग सड़क पर न्याय की गुहार न लगाएं, तब तक कोई कार्रवाई नहीं होती। बीजेपी सरकार हर बार आरोपी को संरक्षण देती है जिससे आरोपियों के हौसले बुलंद होते हैं। प्रधानमंत्री जी के संसदीय क्षेत्र में भाजपा के पदाधिकारी बलात्कारी रिहा हो गए है। जो की घोर निंदनीय है।
इसके पूर्व सोमवार को सायंकाल बीएचयू के स्टूडेंट्स ने विश्वनाथ मंदिर पर की प्रतिरोध सभा कर लंका गेट तक आक्रोश मार्च निकाला।
सभा में शामिल छात्र छात्राओं ने एक स्वर से कहा कि आज जब पूरा देश कोलकाता से लेकर महाराष्ट्र में हुए जघन्य महिलाओं अपराध से अक्रोशित है, वैसे समय में इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा आईआईटी बीएचयू के बलात्कारियों को जमानत देना , न्याय व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
पिछले दिनों बीएचयू परिसर में हुए सामूहिक दुष्कर्म की घटना के आरोपी सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के आईटी सेल के संचालक सदस्य है। वही बीजेपी पार्टी जो चुनाव में ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ की बात करती है लेकिन अपने पार्टी में बलात्कारियों को संरक्षण प्रदान करती है,यह उनके महिला विरोधी रवैए को दिखाता है। कैंपस में हुई गैंगरेप की घटना के आरोपियों का पता चलने पर जिला और बीएचयू प्रशासन इसे दबाने की पूर जोर कोशिश में लगा हुआ था लेकिन विद्यार्थियों के लगातार आक्रोश प्रदर्शन की दवाब में बीजेपी सरकार की पुलिस को आरोपियों को पकड़ना पड़ा। इसलिए इन अपराधियों को मिले जमानत पर सभी स्टूडेंट्स काफी गुस्से में है। अगर सरकार ही रेपिस्टों के प्रति ऐसा रवैया रखेगी तब न्याय की उम्मीद सरकार और न्यायालय से करना बेईमानी होगी।
इस आक्रोश मार्च और सभा का संचालन इप्शिता ने किया, भगत सिंह स्टूडेंट्स मोर्चा के महेंद्र और बाकी साथियों ने कविता, भाषण और गीत के माध्यम से दुष्कर्म की संस्कृति के खिलाफ विरोध दर्ज करवाया। इस मार्च में काजल, आकांक्षा, सिद्धि, निधि, अंकिता, वंदना, आदर्श, सुधीर, मोहित,मुकेश, अविनाश, ऋषिकेश, आदि समेत 100 सांख्य में स्टूडेंट्स में हिस्सा लिया।