डॉ. ममता शशि झा
मुंबई
सर्वश्रेष्ठ मैथिली भाषा के साहित्यकार तथा मैथिली भाषा के प्रचारक के रूप में पंडित श्यामानंद मिश्र जी के सम्मानित आ पुरस्कृत कायल जेतनि से पत्र आयल छलनि। जाहि में लिखल छलइ जे हुनका राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति के हाथ से पुरस्कृत आ सम्मानित कायल जेतनि। भरी मधुबनी में इ खबरि पसरी गेल। पंडित जी विशेषत: मिथिला के रहन-सहन, खान-पान, पाबनि-तिहार आ लोकगीत पर आधारित साहित्य के रचना करइ छला। सांस्कृतिक धरोहर के सम्हारी क राख बला साहित्यकार के रूप में अपना आप के सरकार के सामने देखाब के एक्कहु टा मौका नहीं छोड़इ छलखिन। और अहाँ सब बुझिते छियइ जे कोनो चीज आब स बेसी देखाब ऐनाइ बेसि महत्वपूर्ण होइ छइ। पत्रकार सबके भीड़ लागि गेलनि ड्राइंग रूम में! नौकर जहने कहलकनि लोक सब आबि रहल अछी हाँय-हाँय बरमूडा आ टी-शर्ट बदलि क धोती-कुरता, पाग-दुपट्टा धारण क लेलइथ। बुझिते छियइ इ हाथी के दांत बला बात सब! पत्रकार सब के एला पर घर में काज कर बला स एकदम सतर्क भे के मैथिली में गप्प करइ छला जे ओकरा सब के अन्सुहान लागइ छलइ कियेक ते पंडित जी आन दिन मैथिली में बाज लेल ओकरा सब के हुड़कि दइ छलखिन। शुरू में ओकरा सब के खराब लगइ छलइ, कियेक ते सब काज कर बला सब हुनकर गामे के छलनि मुदा जहन इ सब देखलखिन जे पंडितजी अपन धिया-पुता आ कनिया स सेहो हिंदी में गप्प करइ छलखिन त ओ सब अपना आप के ओहि रंग में रंगि लेलक। कोनो साहित्यिक गोष्ठी में पंडित जी जाय छला त मगरमच्छ जकाँ आँखि में नोर भरि के मैथिली भाषा घर में बाज के लेल लोक सब स आग्रह करइ छलखिन। ओकर फोटो आ वीडियो लेब के लेल एगोटे के अपना संगे रखइ छलखिन आ सब के बढ़ियाँ जकाँ संग्रहित के क रखने छला। व्याह सब अहि पुरस्कार भेट में काज आयल छलनि। साँझ में हुनकर मित्र संपदा ठाकुर येलखिन जिनका हिंदी भाषा के लेल इ पुरस्कार आ सम्मान भेट बला छलनि। हुनकर सरकार के संस्कृति विभाग में बढ़िया पैठ छलनि आ ओ ओहि के माध्यम के प्रयोग के क अहि के लायक अपना आ अपना मित्र के बनेने छला। संपदा ठाकुर के धिया-पूता सब घर में अंग्रेजी में गप्प करइ छलखिन, हुनका सबके हिंदी भाषा बजनाइ अपमान जनक लगइ छलनि।
दुनु मित्र बुझ इ छलखिन जे भाषा, संस्कृति के सहारे लोक के भावुक क सकइ छथि आ से काज दुनु मित्र एकदम कुटिलता स करइ छला। दुनु गोटे भाषा के असली उपयोग बुझी गेल छलखिन!!