मुख्यपृष्ठनए समाचारमहाराष्ट्र में थम नहीं रहा मलेरिया... डेंगू भी मार रहा डंक... आंखें...

महाराष्ट्र में थम नहीं रहा मलेरिया… डेंगू भी मार रहा डंक… आंखें दिखा रहा स्वाइन फ्लू… अन्य मौसमी रोग भी दे रहे टेंशन

सामना संवाददाता / मुंबई

घाती सरकार की लापरवाही के चलते मुंबई समेत महाराष्ट्र में मलेरिया थमने की बजाय और तेजी से पैâल रहा है। इसके साथ ही डेंगू लोगों को डंक मार रहा है, जबकि स्वाइन फ्लू भी आंखें दिखा रहा है। इतना ही नहीं, अन्य मौसमी रोग भी आम लोगों को टेंशन दे रहे हैं, जिन्हें नियंत्रित करने में सरकार की स्वास्थ्य यंत्रणा नाकाम साबित हो रही है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, महाराष्ट्र में जनवरी से लेकर अब तक मलेरिया के कुल ११,८०८ मामले सामने आए हैं, जबकि सात की मौत हुई है। गढ़चिरौली में सर्वाधिक ५,१४५ मामले सामने आए, जिनमें छह की मौत हुई है। इसी तरह मुंबई में ३,७०१, नई मुंबई में ५६३, ठाणे में ३८३, एक की मौत, चंद्रपुर में ४५३ और गोंदिया में ३१५ मामले सामने आए हैं। इसी तरह डेंगू के कुल ८,३१५ मरीज मिले, जबकि १५ की मौत हुई है। आंकड़ों के मुताबिक, मुंबई में १,७२७ मामले, नासिक में ८५१ मामले, तीन मौतें, कोल्हापुर में ८१२, एक की मौत, ठाणे जिले में ४६०, एक की मौत, पालघर में ३५०, एक की मौत, रायगढ़ में ४४६, ४ की मौत, नागपुर में २६४, एक मौत, सांगली में ११७, एक मौत, गढ़चिरौली में ७६ मामले, एक की मौत, वर्धा में ७२, छत्रपति संभाजी नगर में २०, एक की मौत, अमरावती १०२ और लातूर १०१ मामले सामने आए हैं। इसी तरह राज्य में चिकनगुनिया के १,८७१ मामले सामने आए हैं।
स्वाइन फ्लू ने ली २४ की जान
महाराष्ट्र में स्वाइन फ्लू ने भी टेंशन देना शुरू कर दिया है। प्रदेश में अब तक १३,८५,६८० लोगों की जांच हुई, जिनमें ३,६०४ संदिग्ध रोगी मिले। इनमें १,३३७ मरीजों में बीमारी की पुष्टि हुई है। इतना ही नहीं, २४ मरीजों की मौत भी हुई है। स्वाइन फ्लू के सबसे ज्यादा ५०६ रोगी मुंबई में मिले हैं। इसके बाद पुणे २५५ और ठाणे २१७ मामलों के साथ दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। इसी तरह ११२ जिलों में इस महामारी के मामले इकाई और दहाई के अंक में है।
अन्य मौसमी बीमारियों के मिले २,७८५ मरीज
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, कॉलेरा, दस्त, गैस्ट्रो, लेफ्टो और स्क्रबटाइफस के कुल २,७९३ मरीज मिले हैं, इनमें से ११ लोगों की मौत हुई है। सर्वाधिक पांच मौतें दस्त के चलते हुई हैं, जबकि कॉलेरा से तीन, गैस्ट्रो, लेफ्टो और स्क्रबटाइफस से क्रमश: एक-एक मौतें हुई हैं।

अन्य समाचार