मुख्यपृष्ठग्लैमरमहामंडलेश्वर बनीं ममता

महामंडलेश्वर बनीं ममता

महाकुंभ के लिए २५ वर्षों बाद हिंदुस्थान लौटनेवाली गुमनामी भरी जिंदगी जीनेवाली ममता कुलकर्णी तीर्थराज प्रयाग में संन्यासी बन चुकी हैं। तीर्थराज प्रयाग में भगवा वस्त्र धारण कर माथे पर चंदन, गले में रुद्राक्ष की माला और कंधे पर झोला लटकाए ममता किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी से मिलीं। संगम में डुबकी लगाकर अपना पिंडदान करनेवाली ममता का किन्नर अखाड़े में पट्टाभिषेक कार्यक्रम हुआ। ममता ने कहा कि यहां आना उनका सौभाग्य है। वह धन्य हो गई हैं। महामंडलेश्वर बनने के बाद उनका नाम ममता नंदगिरी रखा गया है। ममता का कहना है कि उनका जन्म भगवान के लिए हुआ है। वह अब दोबारा एक्टिंग फील्ड में नजर नहीं आएंगी।

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