सामना संवाददाता / इंफाल
मणिपुर के हालात दिन-ब-दिन बिगड़ते जा रहे हैं और अब मणिपुर के दो टुकड़े होने की आशंका जताई जा रही है। फिर भी ‘मौनी’ प्रधानमंत्री इस मामले पर कोई बात किए बिना ही उदासीन बने हुए हैं। राज्य के दौरे पर आए ‘इंडिया’ के २१ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने इसकी कड़ी आलोचना की है।
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के अरविंद सावंत समेत ‘इंडिया’ के प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को राज्य की स्थिति का निरीक्षण करने के बाद राज्यपाल अनसुइया उइके को एक विस्तृत निवेदन सौंपा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह को यहां की गंभीर स्थिति से अवगत कराएं और ध्यान देने को कहें। ‘इंडिया’ प्रतिनिधिमंडल ने यह भी बताया कि अगर इस मुद्दे का जल्द से जल्द समाधान नहीं किया गया तो देश की सुरक्षा को गंभीर खतरा हो सकता है।
राज्यपाल से मुलाकात के बाद राजभवन में पत्रकारों से बात करते हुए कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि यहां की स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। हालात इस हद तक बिगड़ गए हैं कि राज्य दो हिस्सों में बंट गया है। घाटी के मैतेई-कुकी ऊपरी इलाकों में नहीं जा सकते और कुकी घाटी में नीचे नहीं आ सकते। राज्य में खाद्यान्न, चारा, दूध, शिशु आहार और सभी आवश्यक वस्तुओं की भारी कमी हो रही है। पढ़ाई बंद हो गई है।
तीन केंद्र शासित प्रदेश करने की मांग
तीन स्वतंत्र केंद्र शासित प्रदेश का निर्माण ही जातीय संघर्ष को हल करने का एक तरीका है, ऐसा भाजपा विधायक और कुकी नेता पाओलिनलाल हाओकिप ने कहा था। हाओकिप ने कहा कि राज्य में जातीय आधार पर इस विभाजन को राजनीतिक और प्रशासनिक मंजूरी दिए जाने की जरूरत है। हालांकि, मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह और मणिपुर एकीकरण संगठनों की समन्वय समिति ने इस पर कड़ा विरोध जताया है।