• पुलिस ने तैयार की ३० पेज की चार्जशीट
सामना संवाददाता / बदायूं
करीब साढ़े चार माह बाद बदायूं का चूहा एक बार फिर चर्चा में है। वजह उसकी हत्या के मामले में दर्ज एफआईआर में आरोपी के खिलाफ ३० पेज की चार्जशीट को विवेचक की ओर से कोर्ट में दाखिल किया जाना है। संभवत: यह देश के आपराधिक इतिहास का यह पहला मामला है जब किसी चूहे की हत्या के मामले में एफआईआर हुई और चार्जशीट दाखिल की गई। अब इस मामले के दोनों पक्ष को ट्रायल शुरू होने का इंतजार है, जिससे पता चले कि आरोपी को मामले में कितनी सजा मिलेगी। आरोपी मनोज कुमार ने खुद ही कोर्ट में पेश होकर इस मामले में अग्रिम जमानत भी ले ली थी। इस मामले में नया अध्याय तब लिखा जाना शुरू हुआ जब विवेचक ने इसकी विवेचना शुरू की। विवेचक राजेश यादव ने एक एक कड़ी को जोड़ा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से लेकर प्रसारित हुए वीडियो तक को साक्ष्य बनाया। इसके बाद ३० पन्ने की चार्जशीट तैयार की, जिसमें पूरा घटनाक्रम और उसके साक्ष्यों का उल्लेख किया गया। इसके बाद कुछ दिन पहले ही इस मामले की चार्जशीट को कोर्ट में दाखिल कर दिया गया है। इसमें विवेचक ने मनोज कुमार को धारा-११ (१) (एल) पशुओं के प्रति क्रूरता निवारण अधिनियम और धारा ४२९ (पशु की हत्या या अपाहिज करने) के तहत दोषी बताया है। अब कोर्ट में इसका ट्रायल होना है। जिसमें तय होगा कि मनोज को क्या सजा मिलेगी?जानकार बताते हैं कि पशु क्रूरता अधिनियम के अधिकतर मामलों में तो जुर्माना ही लगाया जाता है। लेकिन चूहे की हत्या जैसा मामला पहली बार सामने आया है। इसमें मजिस्ट्रेट के विवेक पर निर्भर है कि वह इसमें सजा या कितना जुर्माना लगाते हैं।
वायरल वीडियो को पुलिस ने बनाया आधार
इस मामले में पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट को आधार तो बनाया लेकिन उससे ज्यादा मजबूत आधार वायरल वीडियो को माना है। जिसमे पशु क्रूरता होती दिख रही है। इस आधार पर ही चार्जशीट तैयार की गई है। बता दें बदायूं में एक दिल दहला देने वाली वीडियो कुछ दिन पहले सामने आई थी। यहां एक युवक ने चूहे को डूबो कर मार दिया था। इस दौरान किसी ने आरोपी युवक की वीडियो बना ली थी।
बाजार में चूहा मारने की दवा बिकती है, केस हो
मनोज ने पुलिस से कहा था कि चूहों को मारने के लिए तो बाजार में दवा तक बिकती है फिर ये गुनाह वैâसे हो गया? फिर तो उस विज्ञापन बनाने वाले पर भी केस हो। अभी तक जिन-जिन लोगों ने चूहों को मारा है उन पर भी केस हो। ये बिना मतलब की बात है और कुछ नहीं।।
कुत्ते को मारने वाले को नहीं मिली सजा
भरतपुर में एक व्यक्ति ने मामूली बात पर पालतू कुत्ते को बेहरमी से मार डाला। इस घटना का दिल दहलाने वाला वीडियो सामने आया था। कुत्ते के मालिक ने आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई लेकिन कुछ नहीं हुआ।
बकरा और मुर्गा काटने पर भी हो केस
मनोज ने कहा था कि मैंने कोई क्राइम नहीं किया है और अगर किया भी है तो मैं उसके लिए माफी मांग रहा हूं। लेकिन मुझे एक बात बता दी जाए जो लोग मुर्गा काटते हैं, बकरा काटते हैं, गाय काटते हैं उन्हें सजा कब मिलेगी और मेरे घर में चूहे ने जो नुकसान किया है उसकी भरपाई कौन करेगा? इस समाज में बस एक गरीब को फंसाया जा सकता है। मनोज ने कहा था कि थाने के चक्कर काट रहा हूं। आठ घंटे तक हिरासत में रखा गया। हम लोग रातभर जागते हैं। थोड़ी देर अगर गलती से आंख लग जाए तो चूहों का आतंक शुरू हो जाता है। वो हमारे गीले बर्तन बर्बाद कर देते हैं।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में चूहे की मौत दम घुटने से हुई
चूहे के शव की माइक्रोस्कोपिक जांच की। इसके आधार पर डॉक्टर इस नतीजे पर पहुंचे कि चूहे की मौत दम घुटने से हुई है। फेफड़े की नलियां फटी हुई थीं, जो मरने से पहले जोर-जोर से सांस लेने के कारण फटी होंगी। इस पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट के आधार पर दावा किया गया था कि चूहे के मर्डर की बात गलत है। शिकायतकर्ता विकेंद्र ने चूहे की डेडबॉडी पोस्टमॉर्टम के लिए पुलिस की मदद से ५० किलोमीटर दूर बरेली भिजवाई थी। पोस्टमॉर्टम का खर्च भी खुद ही उठाया था। बरेली (इंडियन वेटनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट) में डॉ. अशोक कुमार और डॉ. पवन कुमार ने चूहे के शव का पोस्टमॉर्टम किया था।