सामना संवाददाता / नई दिल्ली
केंद्रीय बजट से पहले कांग्रेस ने आरोप लगाया कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लोगों को ‘लूटने’ का जरिया बन गया है और मांग की कि केंद्र ‘कर आतंकवाद’ खत्म करे। एक्स पर एक पोस्ट में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जीएसटी का मतलब ‘गब्बर सिंह टैक्स’ या ‘गृहस्थी सत्यानाश टैक्स’ या ‘सीतारमण टैक्स दो’ हो सकता है, जो केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का संदर्भ था। खड़गे ने कहा कि हम भाजपा के जीएसटी को चाहे जो भी नाम दें, एक बात तो तय है मोदी सरकार ने जीएसटी को गरीबों और मध्यम वर्ग की मेहनत की कमाई को लूटने का जरिया बना दिया।
उन्होंने दावा किया कि पिछले पांच वर्षों में आयकर संग्रह में २४० फीसदी की वृद्धि हुई है, जबकि जीएसटी संग्रह में १७७ फीसदी की वृद्धि हुई है। कुल जीएसटी का दो-तिहाई यानी ६४ फीसदी गरीबों और मध्यम वर्ग की जेब से आता है, लेकिन अरबपतियों से केवल ३ फीसदी जीएसटी वसूला जाता है, जबकि कॉर्पोरेट टैक्स की दर ३० फीसदी से घटाकर २२ फीसदी कर दी गई है। पहली बार किसान के ३६ कृषि उत्पादों पर जीएसटी लगाया गया है। जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा के प्रीमियम पर भी १८ फीसदी जीएसटी देना पड़ रहा है।