पी. जायसवाल
भारतीय रिजर्व बैंक ने बीते १९ मई को अपने एक नोटिफिकेशन के द्वारा यह बताया कि वह प्रचलन से २००० रुपए के नोट की करेंसी को वापस ले रहा है। हालांकि, यह अभी भी लीगल टेंडर है, तत्काल नोटबंदी नहीं है, यह आगामी ३० सितंबर तक प्रचलन में बनी रहेगी। मतलब ३० सितंबर तक अभी यह खरीददारी या सौदे के लिए वैध है। इस दरम्यान आप बैंकों द्वारा या रिजर्व बैंक के १९ क्षेत्रीय कार्यालयों के माध्यम से इसकी बदली अन्य मान्य करेंसी में कर सकते हैं या अपने बैंक खातों में जमा कर सकते हैं। इसीलिए इस बार २०१६ जैसी आपा-धापी नहीं दिख रही है। नोट चूंकि चल रहे हैं तो लोग खरीददारी में अभी जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं। बकौल रिजर्व बैंक गवर्नर यह पैâसला करेंसी मैनेजमेंट और क्लीन नोट पॉलिसी के तहत लिया गया है। वैसे भी २०१८-१९ से २००० के नोटों की छपाई बंद कर दी गई थी। एटीएम से भी यह मिल नहीं रहा था। रिजर्व बैंक ने यह भी बोला है कि सभी बैंक अब २ हजार के नोट निर्गत नहीं करेंगे।
यहां एक चीज ध्यान देने लायक हैं नोट बदली और नोट जमा करना दो अलग-अलग चीज हैं। दोनों के लिए अलग-अलग नियम हैं। २० हजार की सीमा अपने खाते में जमा करने के लिए नहीं है। आप अपने खाते में केवाईसी एवं पूर्व के अन्य लागू नियमों के तहत जैसे जमा करते थे, वैसे ही आप २० हजार से अधिक भी जमा कर सकते हैं।
२० हजार की सीमा नोट बदली के लिए है। नोट जमा करने के लिए नहीं है। बदली की यह सीमा इस प्रक्रिया को थोड़ा नियंत्रित, प्रबंधित और संसाधन क्षमता को ध्यान में रखते हुए निर्धारित की गई है। यहां यह ध्यान देनेवाली बात है कि नोटिफिकेशन में ‘एक बार’ शब्द का इस्तेमाल हुआ है, प्रतिदिन या ‘केवल एक ही बार’ जैसे प्रतिबंध नहीं लगाए गए हैं। मतलब यह एक बार प्रतिदिन में कई बार या ३० सितंबर तक भी कई बार आ सकता है। सरल शब्दों में आप वैसे भी किसी भी बैंक के ब्रांच में जाकर नोट बदल सकते हैं। जरूरी नहीं कि आपका उस बैंक में अकाउंट हो। नोट बदलने के लिए आपको कोई भी चार्ज नहीं देना होगा। अगर भीड़ नहीं है तो एक व्यक्ति दिन में कई बार २० हजार के नोट की बदली कर सकता है।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने यह भी कह दिया है कि नोट बदली के लिए केवाईसी या किसी फॉर्म की भी जरूरत नहीं है। नोटिफिकेशन में नोट बदली के लिए केवाईसी जैसी आवश्यकता का उल्लेख नहीं है। ऐसे में हो सकता है कि अन्य बैंक भी अपना स्पष्टीकरण लेकर आएं कि उनके यहां भी नोट बदली करने पर किसी फॉर्म या केवाईसी या प्रूफ की जरूरत नहीं है।
बैंक और क्षेत्रीय कार्यालयों के अलावा बैंक भी अपने बिजनेस करेस्पोंडेंट को बैंकों के खाताधारक के लिए प्रतिदिन ४,००० रुपए की सीमा तक नोट बदलने की अनुमति दे सकते हैं। यहां ध्यान देने लायक है कि जब आप बिजनेस करेस्पोंडेंट के माध्यम से नोट बदली कराते हैं तो आप खाताधारक होने चाहिए और यहां नोटिफिकेशन में एक बार जैसा शब्द नहीं लिखा है। इस दशा में प्रतिदिन ४,००० प्रति खाताधारक की ही सीमा होगी। रिजर्व बैंक ने कहा है कि दूरस्थ इलाकों या जहां बैंक नहीं है, वहां के लोगों के लिए नोट जमा या नोट बदली सुविधा के लिए यदि आवश्यक हो तो बैंक मोबाइल वैन का उपयोग करने पर विचार कर सकते हैं।
व्यापक जानकारी के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने प्रश्नोत्तरी भी जारी की है। दो हजार के नोट बदलने की प्रक्रिया २३ मई से देश के सभी बैंकों में शुरू है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर ने कहा कि लोग नोट बदलने के लिए बैंकों में भीड़ न लगाएं, पर्याप्त समय दिया गया है। उन्होंने यह संकेत भी दिया है कि आप आराम से नोट बदलिए, लेकिन समय सीमा को गंभीरता से लीजिए, बदलती परिस्थितियों पर विचार करते हुए तदनुसार समय सम्मत निर्णय लिए जाएंगे। जो यह संकेत भी देता है कि यह ३० सितंबर की तिथि थोड़ा आगे भी बढ़ सकती है। बैंकों को बोला गया है कि कितने नोट बदले गए और कितने जमा किए गए, इसका रोजाना हिसाब रखें। यह फॉर्मेट भी सरल है और इसमें केवाईसी जैसी कोई जानकारी नहीं है, जो बैंकों को रखना पड़े।
२००० रुपए के नोट की करेंसी को सर्कुलेशन से हटाने के फैसले का इकोनॉमी पर असर बेहद कम पड़ेगा। क्योंकि यह वैसे भी प्रचलन में नहीं थी। सर्कुलेशन में चल रही कुल करेंसी का महज १०.८ हिस्सा ही दो हजार के नोटों में था। असर उन्हीं पर पड़ेगा, जिन्होंने इसका भंडार किया होगा। आम आदमी के पास और एटीएम से तो यह कुछ वर्षों से मिल नहीं रहा था। हालांकि, उन महिलाओं को कष्ट होगा, जिन्होंने अपना स्त्रीधन दो हजार के नोट के रूप में पति से छुपाकर रखा होगा। उन महिलाओं का स्त्रीधन इस नोटबंदी के बाद पुन: एक्सपोज हो जाएगा।
(लेखक अर्थशास्त्र के वरिष्ठ लेखक एवं आर्थिक, सामाजिक तथा राजनैतिक विषयों के विश्लेषक हैं।)