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बिल्डरों को फायदा पहुंचाने के लिए है क्लस्टर योजना!..ठाणेकर सड़क पर उतरे

सामना संवाददाता / मुंबई

राज्य सरकार द्वारा दावा किया जा रहा है कि जनहित को ध्यान में रखते हुए ठाणे में क्लस्टर योजना शुरू की गई है। जबकि ठाणेकरों का दावा है कि यह योजना बिल्डरों को फायदा पहुंचाने के लिए शुरू की गई है। इसलिए ठाणेकर इस योजना के विरोध में सड़क पर उतर लाए हैं। बता दें कि ठाणे में क्लस्टर के कुल ४४ यूआरपी तैयार किए गए है। इस यूआरपी के तहत मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले किसननगर में क्लस्टर योजना का काम शुरू है। अब शहर के अन्य क्षेत्रों में भी क्लस्टर योजना की प्लानिंग की जा रही है। जिसमें मानपाडा, आजाद नगर, मनोरमा नगर, शिवजी नगर आदि झोपड़पट्टी क्षेत्रों का समावेश है। क्लस्टर योजना का विरोध करते हुए उक्त क्षेत्रों के नागरिकों ने सड़क पर उतरकर आंदोलन छेड़ दिया है। स्थानीय लोगों ने एक मंच पर आते हुए मनोरमा शनि मंदिर से विरोध मोर्चा निकाला। रहिवासियों का कहना है कि हम अपना मकान क्लस्टर योजना के लिए क्यों दें? हमारे दादा-दादी, माता-पिता ने यहां ४० से ५० साल बिताए, अब हम रह रहे हैं, हमारे बच्चे बड़े हो रहे हैं। हमने अपने घर में कई मानसून देखे हैं, हमने देखा है कि मकान के लिए एक-एक ईंट की वैâसे व्यवस्था की गई थी, इन मकानों के लिए हमारे परिवार के लोगों ने बहुत संघर्ष किया है।
अब क्लस्टर योजना के तहत हमें २५० से ३०० वर्ग फुट का घर मिलेगा। जबकि, कुल १८० एकड़ जमीन में से ५० से ६० एकड़ में हमारे लिए छोटे-छोटे घर बनाए जाएंगे और कॉमर्शियल इमारतें १०० एकड़ में बनेंगी और हमारे पड़ोसी ३० से ३५ मंजिल की इमारत में रहेंगे। हम छोटे से घर में भेड़- बकरियों की तरह रहेंगे। यह हमें मंजूर नहीं है। यह सब योजना बिल्डरों को फायदा पहुंचाने के लिए लाई जा रही है।

 

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