सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य के विभिन्न स्पा सेंटरों में पुरुष महिलाओं से मसाज करा सकेंगे। इतना ही नहीं, महिलाएं भी पुरुषों से मसाज करवा सकेंगी। राज्य सरकार की ओर से हाई कोर्ट में जानकारी दी गई कि `क्रॉस जेंडर मसाज’ पर कोई आपत्ति नहीं है। कोर्ट ने इस पर संज्ञान लिया और सरकार को छह सप्ताह के भीतर इस संबंध में दिशा-निर्देश तैयार करने का आदेश दिया।
उल्लेखनीय है कि इस संबंध में ११ थेरेपिस्टों ने मुंबई हाई कोर्ट में याचिका दायर करते हुए दावा किया है कि पुलिस अक्सर स्पा और मसाज सेंटरों पर छापेमारी कर उन्हें परेशान करती है। पुलिस अनैतिक व्यापार (रोकथाम) अधिनियम, १९५६ के प्रावधानों के तहत कार्रवाई करती है। इस उत्पीड़न से न केवल उन्हें अपमानित, बल्कि उनकी प्रतिष्ठा पर भी असर पड़ता है। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया है कि पुलिस की इस `अंधाधुंध’ कार्रवाई के कारण उनका रोजगार बाधित हो रहा है। इसके साथ ही उनके `आजीविका के अधिकार’, `गरिमा के अधिकार’ और `समानता के अधिकार’ का उल्लंघन हो रहा है। इस याचिका पर न्यायमूर्ति रेवती मोहिते-डेरे और न्यायमूर्ति डॉ. नीला गोखले की खंडपीठ के सामने सुनवाई हुई। कोर्ट ने सरकार से कहा कि पुलिस उन्हें बेवजह परेशान कर रही है। कोर्ट ने कहा कि इस संबंध में दिशा निर्देश होने चाहिए, ताकि पुलिस अनावश्यक कार्रवाई से बच सके। याचिका में मुख्य मांग दिशा-निर्देश तैयार करने की है और अदालत ने सरकार को छह सप्ताह के भीतर इसे तैयार करने का आदेश देते हुए सुनवाई स्थगित कर दी।