• कभी भी धंस सकता है एस्केलेटर
• बिल्डर ने खोदी ७० मीटर गहरी खाई
राम दिनेश, अभिषेक पाठक / मुंबई
मुंबई में बन रही मेट्रो को लेकर सरकार अपनी पीठ थपथपाने में जुटी है, पर उसे यह पता नहीं है कि उसकी नाक के नीचे बिल्डर मेट्रो परियोजनाओं को वैâसे नुकसान पहुंचा रहे हैं। ताजा मामला दहिसर के पास स्थित मागाठाणे मेट्रो स्टेशन का है। कल को यदि यह मेट्रो स्टेशन ढह जाए तो कोई हैरानी नहीं होनी चाहिए। एमएमआरडीए के अधिकारियों की लापरवाही से काम ही कुछ ऐसा किया गया है। इस मेट्रो स्टेशन से सटाकर ७० मीटर से अधिक गहरी खाई खोद दी गई है। यहां एक बिल्डर की तरफ से इमारत के निर्माण का कार्य शुरू है। उस इमारत की नींव के लिए मेट्रो स्टेशन के नींव से सटाकर विशाल गड्ढा खोदा गया है। ऐसे में मेट्रो स्टेशन का हिस्सा और उसका एस्केलेटर कब ढह जाएगा, यह कहा नहीं जा सकता। ऐसे मामलों में गंभीर होने की बजाय एमएमआरडीए के अधिकारी ट्वीट कर अपनी जिम्मेदारी से बच रहे हैं।
एमएमआरडीए के अधिकारियों की लापरवाही की पराकाष्ठा तो तब हो गई जब उनसे पूछा गया कि इस मामले में एमएमआरडीए ने क्या कदम उठाया तो उनके पास कोई जवाब नहीं था, जबकि वास्तव में स्टेशन के आसपास की सड़कें धंस गई हैं। लेकर फिर भी यहां खुदाई का काम बंद नहीं हुआ है।
बता दें कि बारिश शुरू होते ही एमएमआरडीए और प्रशासन की लापरवाही दिखनी शुरू हो गई है। मानसून के आते ही विभिन्न क्षेत्रों में कई दुर्घटनाएं हो रही हैं। भूस्खलन के चलते इमारतें गिरने की घटनाएं सामने आ रही हैं। ऐसे में एमएमआरडीए द्वारा निर्मित मागाठाणे मेट्रो स्टेशन को एक निजी बिल्डर के प्रोजेक्ट से ढहने का खतरा है। मागाठाणे मेट्रो स्टेशन का एक एस्केलेटर का कुछ हिस्सा स्टेशन के बगल में मौजूद निर्माण क्षेत्र से सटा हुआ है। वहां खोदा गया ७० मीटर गहरा गड्ढा कभी भी मेट्रो स्टेशन को क्षति पहुंचा सकता है।
ऐसा अनुमान निर्माण क्षेत्र के विशेषज्ञों ने जताया है। बारिश के समय में इस खुदाई के चलते मेट्रो स्टेशन के बेस के साथ-साथ मेट्रो ट्रैक, पिलर भी इसकी चपेट में आ सकता है। जानकारों की मानें तो इससे बहुत बड़ा नुकसान होगा।
शहर में हुई पहली बारिश में ही खुदाई स्थल से सटी दोनों सड़कें धंस गर्इं हैं। धंसी हुई सर्विस रोड मुश्किल से मेट्रो पिलर से २० फीट की दूरी पर है। खुदाई स्थल पर डंपर द्वारा मिट्टी उठाने का काम किया जा रहा है, जिसकी वजह से मेट्रो के एक तरफ का निकास गेट भी बंद कर दिया गया है।
एमएमआरडीए का कहना है
इस बारे में पूछे जाने पर एमएमआरडीए की प्रवक्ता टीम ने अपने हाथ खड़े कर दिए हैं। प्रवक्ता टीम का कहना है कि उन्हें इसकी जानकारी है और उन्होंने इस मामले में ट्वीट भी किया है। धंसी हुई सड़क का मरम्मत कार्य शुरू है।
जनता का सवाल
इस बारे में स्थानीय नागरिक मनीष सिन्हा ने बताया कि एमएमआरडीए की लापरवाही के चलते यहां बहुत घातक स्थिति बनी हुई है। बिल्डर ने इतना बड़ा गड्ढा खोद दिया और एमएमआरडीए को पता तक नहीं चला, और जब पता चला तो रोका क्यों नहीं गया? मेट्रो स्टेशन के दोनों तरफ जमीन धंस गई है फिर भी यहां काम बंद नहीं किया गया है। आखिर इतनी हिम्मत निजी कंपनियों में आती कहां से है?
वडाला में हुआ था भूस्खलन
लगभग तीन साल पहले वडाला पूर्व में एक बिल्डर के एक प्रोजेक्ट के अंतर्गत खुदाई के दौरान भूस्खलन हो गया था। भारी बारिश के दौरान हुए उस भूस्खलन में करीब दर्जन भर लोगों को दबने की खबर थी। दर्जन भर गाड़ियां जमीन में दब गई थीं। साथ ही पास के लॉयड स्टेट इमारत का स्ट्रक्चर हिल गया था। उस पूरी इमारत को खाली कराया गया था।
लीपापोती में जुटी एमएमआरडीए
एक स्थानीय नागरिक ने बताया कि जमीन धंसने के कारण मेट्रो के निकास गेट की तरफ की जमीन धंस गई है, जिसकी वजह से उस तरफ से निकलने वाला गेट बंद कर दिया गया है। उधर मागाठाणे मेट्रो स्टेशन के उत्तरी तरफ की निकास सड़क धंसने के कारण अस्थायी रूप से बंद है। मनपा और एमएमएमओसीएल के अधिकारियों से बात करने पर पता चला कि उस रास्ते को सही किया जा रहा है, जिसकी वजह से रास्तों और अगल-बगल के क्षेत्रों में गंदगी पैâली हुई है।