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म्हाडा की दुकानों को नहीं मिल रहा है कोई खरीददार! …६१ दुकानों को नहीं मिला प्रतिसाद

सामना संवाददाता / मुंबई
आम आदमी को किफायती आवास उपलब्ध कराने वाली म्हाडा ने कॉमर्शियल दुकानों को कोई खरीददार नहीं मिल रहा है। यही कारण है कि बिक्री के लिए उपलब्ध १७३ दुकानों में से ६१ दुकानों को शून्य प्रतिक्रिया मिली। हाल ही में हुई ई-नीलामी में गोरेगांव- पूर्व के बिंबिसार नगर में म्हाडा के एक व्यावसायिक भूखंड पर १३ करोड़ ९३ लाख रुपए की बोली लगी। बैंकों या एटीएम के लिए आरक्षित इस प्लॉट के लिए तीन आवेदक थे। म्हाडा ने इस ब्लॉक के लिए बेस प्राइस १३ करोड़ ९२ लाख रुपए तय किया था, लेकिन बोली इससे मात्र ४० हजार रुपए ज्यादा लगी।
म्हाडा द्वारा घरों के साथ-साथ कॉमर्शियल ब्लॉक भी बनाए जाते हैं। म्हाडा ने ऐसी विभिन्न योजनाओं के तहत मालाड, गोरेगांव, पवई, चारकोप में बनी १७३ दुकानों की बिक्री के लिए फरवरी के अंत में एक विज्ञापन जारी किया था। इसमें मालवणी की सबसे ज्यादा ५७ दुकानें शामिल थीं। दुकानों के लिए ६०४ लोगों के आवेदन प्राप्त हुए थे। शुरुआत में ई-नीलामी के लिए बोली १९ मार्च को निर्धारित की गई थी। आखिरकार, आचार संहिता के कारण दुकानों की रुकी नीलामी २७ जून को हुई।
म्हाडा का १७० करोड़ राजस्व
बिक्री के लिए उपलब्ध १७३ दुकानों में से ६१ दुकानों को शून्य प्रतिक्रिया मिली। इनमें स्वदेशी मिल ३, मुलुंड गवनपाड़ा १, तुंगा पवई २, चारकोप १०, मालवणी ३१, बिंबिसार ५ और जोगेश्वरी की एक दुकान का समावेश है। इसके अलावा ७ से ८ आवेदन तकनीकी कारणों से रिजेक्ट कर दिए गए। म्हाडा के एक अधिकारी ने बताया कि बाकी दुकानों की बिक्री से १७० करोड़ रुपए की कमाई होगी। अधिकारी ने यह भी कहा कि विजेताओं को स्वीकृति के लिए दस दिन का समय दिया गया है और बोली राशि का दस प्रतिशत भुगतान करने के बाद उन्हें बैंक लोन के लिए एनओसी दी जाएगी।

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