सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई में रुकी हुई पुरानी इमारतों के पुनर्विकास की सुविधा के लिए म्हाडा जल्द ही एक नई नीति लेकर आएगी। म्हाडा की एनओसी मिलने के बावजूद हाउसिंग प्रोजेक्ट के निर्माण को रोकने वाले मालिकों को जारी की गई एनओसी रद्द करने का एक महत्वपूर्ण निर्णय कल शहर जिला नियोजन समिति (डीपीडीसी) की बैठक में लिया गया।
डीपीडीसी की बैठक दक्षिण मुंबई के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में आयोजित की गई। मुंबई शहर के विधायकों ने कई सवाल उठाए। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) विधायक महेश सावंत ने माहिम निर्वाचन क्षेत्र में रुकी हुई भीकू बिल्डिंग और मुलजी हाउस का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि म्हाडा ने इन इमारतों के पुनर्विकास के लिए मालिकों को एनओसी जारी कर दी है, लेकिन मालिक पुनर्विकास नहीं करा रहा है। महेश सावंत ने सरकार के संज्ञान में लाया कि किराएदारों के खिलाफ मामले दर्ज किए जा रहे हैं। इस बैठक में इन इमारतों को दी गई एनओसी रद्द करने का पैâसला लिया गया। इसके अलावा महेश सावंत ने शिवाजी पार्क में धूल की समस्या, रेनोवेशन, कब्रिस्तान, माहिम किले जैसे कई विषयों पर सवाल किए।
केईएम अस्पताल को फंड
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) विधायक अजय चौधरी ने केईएम अस्पताल के साथ-साथ अभ्युदयनगर का भी मुद्दा उठाया। केईएम अस्पताल में सिटी स्वैâन मशीनें, एमआरआई मशीनें, सोनोग्राफी मशीनें नहीं हैं। उन्होंने कहा कि कलर डॉप्लवर जांच के लिए छह माह इंतजार करना होगा। उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने केईएम में इन मशीनों के लिए डीपीडीसी या मनपा से धन उपलब्ध कराने का वादा किया था।
अभ्युदय नगरवासियों को मिले ६६५ वर्गफीट का घर
म्हाडा ने हाउसिंग स्टॉक के रूप में ५,००,००० फीट जगह मांगी है। अजय चौधरी ने इसमें अभ्युदय नगर को रियायत देने की मांग की। अजय चौधरी ने जोर देकर कहा कि पुनर्विकास में अभ्युदय नगर के निवासियों को ६३५ वर्गफीट जगह मिलनी चाहिए। उन्होंने परियोजना प्रभावित लोगों को वर्ली, शिवडी में ही घर देने की भी मांग की। अजय चौधरी ने कहा कि म्हाडा मुंबई में रुकी हुई इमारतों के पुनर्विकास की सुविधा के लिए एक नीति लाएगी। इसी के साथ मुंबई शहर में ६९० करोड़ रुपए की मसौदा योजना को मंजूरी दी गई।
अडानी को रियायतें तो अभ्युदय नगर को क्यों नहीं?
धारावी परियोजना में अडानी पर रियायतों की बौछार की गई है। अजय चौधरी ने पूछा कि अभ्युदय नगर के पुनर्विकास में रियायतें देने में आप क्यों हिचकिचाते हैं?