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म्हाडा की खुली आंख!…डिमांड होगी तो ही बनेंगे मकान…हजारों धूल फांक रहे घरों के बाद म्हाडा की नींद खुली

सामना संवाददाता / मुंबई

म्हाडा कोकण मंडल सहित अन्य मंडलों के हजारों घरों के नहीं बिकने के बाद अब म्हाडा की आंख खुल गई है। अब म्हाडा उन्हीं इलाकों में घरों का निर्माण करेगी, जहां लोगों की डिमांड होगी। इसके लिए म्हाडा पहले सर्वेक्षण करेगी उसके बाद मकान बनाने का निर्णय लेंगी, ताकि बिक्री में कमी के कारण मकान धूल में न गिरें।
म्हाडा के कोंकण मंडल द्वारा आने वाले समय में अंबरनाथ में 2,531 घरों का एक भव्य प्रोजेक्ट बनाने का निर्णय लिया है। इस परियोजना को शुरू करने से पहले म्हाडा लोगों की मांग का अनुमान लगाने के लिए एक सर्वेक्षण करेगी। उसके बाद ही इन मकानों को बनाने का फैसला लिया जाएगा।
म्हाडा के मुंबई मंडल के अलावा कोंकण, पुणे, नासिक, नागपुर, अमरावती और छत्रपति संभाजीनगर मंडल में 11 हजार से ज्यादा घर नष्ट हो गए हैं। वर्षों तक बिना बिके पड़े इन घरों के कारण म्हाडा का तीन हजार करोड़ से ज्यादा का फंड फसा पड़ा है।
समय-समय पर लॉटरी में शामिल होने के बावजूद ये घर नहीं बिक रहे हैं। इसलिए म्हाडा के सामने यह दुविधा है कि इन्हें कैसे बेचा जाए। इसलिए अब अथॉरिटी ने दूध का छाछ भी फूंककर पीने का फैसला किया है। अंबरनाथ के शिवगंगानगर और कोहोज खुंटवाली में निम्न और मध्यम आय समूहों के लिए 2,531 घरों की एक परियोजना का निर्माण किया जाएगा, लेकिन आवास परियोजना को सीधे लागू किए बिना कोंकण मंडल द्वारा 11 से 28 फरवरी तक मांग मूल्यांकन सर्वेक्षण आयोजित किया है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस तबके में लोगों की घर को लेकर कितनी डिमांड है।

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