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म्हाडा का कारनामा! … घोटाले की रिपोर्ट छुपाकर मंत्री के हाथों घरों का वितरण

सामना संवाददाता / मुंबई
आगमी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर शिंदे सरकार ने नियमों को ताक पर रखकर भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई करने की बजाय खुलेआम संरक्षण दे रही है। म्हाडा रिपेयर बोर्ड मास्टर लिस्ट के तहत दिसंबर में २६५ घरों की लॉटरी निकाली गई थी। इस लॉटरी में फर्जी तरीके से घोटाला कर घरों को हथियाने वालों का पर्दाफाश हुआ था। इस भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच रिपोर्ट अभी तक धूल फांक रही है। इसके बावजूद गृह निर्माण मंत्री द्वारा कल १५८ पात्र विजेताओं को प्रोविजनल पत्र म्हाडा कार्यालय में वितरित किया गया।
म्हाडा रिपेयर बोर्ड ने दिसंबर में मास्टर लिस्ट की सूची के तहत २६५ घरों के लिए लॉटरी आयोजित की थी। पारदर्शी लॉटरी की दुहाई देकर लॉटरी को ऑनलाइन रखा गया था, जबकि भारी पैमाने पर हुए घोटाले का खुलासा हुआ। रिपोर्ट के अनुसार, एक आवेदक अपात्र था और उसने जाली दस्तावेजों के आधार पर आवेदन किया था, फिर भी उसे लॉटरी में शामिल किया गया। एक आवेदक को दक्षिण मुंबई के महत्वपूर्ण और बड़े चार घरों में विजेता घोषित किया गया। ट्रांजिट वैंâप एसोसिएशन के अध्यक्ष अभिजीत पेठे ने इस संबंध में शिकायत की थी। इसी का हवाला देते हुए म्हाडा के उपाध्यक्ष संजीव जयसवाल ने एक जांच समिति का गठन किया। इस बीच पेठे ने अन्य जाली आवेदकों का भी उल्लेख किया था। जयसवाल ने सभी २६५ विजेताओं के दस्तावेजों की पुुन: जांच करने के आदेश दिए।
जनवरी से इस संबंध में जांच चल रही है और छह महीने बीत जाने के बावजूद इस संबंध में कोई रिपोर्ट रिपेयर बोर्ड द्वारा प्रस्तुत नहीं की गई है और न ही कितने लोग अपात्र या जाली आवेदक हैं, इस बारे में कोई सार्वजनिक जानकारी दी गई है। इसके बावजूद कल मंगलवार को इस लॉटरी के १५८ विजेताओं को गृह निर्माण मंत्री के हाथों प्रोविजनल पत्र का वितरण किया गया। म्हाडा रिपेयर बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा कि जिन लोगों को प्रोविजनल पत्र वितरित किए जा रहे हैं, वे पात्र विजेता हैं और उनके दस्तावेजों की सख्ती से जांच की गई है। ऐसे पात्र विजेताओं को बिना कारण के घर के लिए लंबा इंतजार करना उचित नहीं है इसीलिए वितरण का निर्णय लिया गया है।

५३ विजेता संदिग्ध
रिपेयर बोर्ड की जांच में ५३ विजेता संदिग्ध पाए गए हैं। उनके दस्तावेज संदेहास्पद हैं और उनकी एक बार फिर से जांच की जा रही है। यदि इनमें से कोई दोषी पाया गया तो उनके घर का वितरण रद्द कर दिया जाएगा।

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