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शिंदे गुट के विधायक फंड नहीं किए खर्च, बयान देने में रहे मस्त! … अल्पसंख्यक विभाग का १५० करोड़ गया वापस

एस. एन. सिंह / मुंबई
राज्य में शिंदे-फडणवीस यानी ‘ईडी’ सरकार स्थापित होने के बाद से मुख्यमंत्री शिंदे दावा कर रहे हैं कि ‘महाराष्ट्र गतिमान, निर्णय वेगवान’ से राज्य का कामकाज चल रहा है। लेकिन मुख्यमंत्री के अधीन आनेवाले अल्पसंख्यक विभाग की निधि को मुख्यमंत्री ने अपने गुट के विधायकों में वितरित किया था। परंतु शिंदे गुट के विधायक मीडिया के सामने अनाप-शनाप बयान देने में इतने मस्त रहे कि वे मुख्यमंत्री द्वारा दी गई निधि को खर्च नहीं कर पाए। परिणामस्वरूप तकरीबन १५० करोड़ रुपए की निधि वापस चली गई और अल्पसंख्यकों के विकास के लिए आई निधि उनके काम में नहीं आई। इस तरह से ‘ईडी’ सरकार ‘महाराष्ट्र गतिमान, निर्णय वेगवान’ की गति से काम कर रही है। मुख्यमंत्री शिंदे ने अपने गुट के विधायकों की मांग के अनुसार, २२५ करोड़ रुपए का वितरण किया था। लेकिन शिंदे गुट सभी विधायकों ने मिलकर केवल ७५ करोड़ रुपए की ही निधि खर्च की, बाकी १५० करोड़ रुपए ३१ मार्च २०२३ से पहले खर्च न होने के कारण वापस चले गए।

अल्पसंख्यकों के लिए ५८१ करोड़ रुपए का बजट
राज्य के अल्पसंख्यक नागरिकों की मूलभूत सुविधाओं के लिए २०२२-२३ में ५८१ करोड़ रुपए का बजट में प्रावधान किया गया था। अल्प संख्यक विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री शिंदे ने केवल अपने गुट के ग्रामीण और शहरी विभाग के विधायकों की मांग के अनुसार दस लाख रुपए निम्नतम और उससे अधिक की निधि वितरित की थी। इस प्रकार से शिंदे ने अपने गुट के कुल विधायकों में २२५ करोड़ रुपए की निधि वितरित की थी। यह निधि अल्पसंख्यक स्कूलों की मरम्मत, पुलिस प्रशिक्षण, अल्पसंख्यक के बच्चों के कल्याण आदि के लिए आरक्षित थी।

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