सामना संवाददाता / ठाणे
राज्य सरकार एमएमआर क्षेत्र को २०३० तक झोपड़पट्टी मुक्त बनाने पर जोर देती नजर आ रही है। इसके लिए एमएमआर-एसआरए ने झोपड़ों के विकास के लिए प्लानिंग भी शुरू कर दी है। एमएमआर-एसआरए का दावा है कि महाराष्ट्र की एक लाख करोड़ डॉलर (एक ट्रिलियन) की अर्थव्यवस्था के सपने को पूरा करने के लिए राज्य सरकार ने यह कदम उठाया है और मुंबई महानगरीय क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित किया है। इस योजना का स्वरूप क्या होगा और वैâसे लागू किया जाए? इसके लिए बिल्डरों, वास्तुविशारद और एसआरए के अधिकारियों सहित संबंधित विभाग की जल्द एक बैठक आयोजित जानेवाली है।
एमएमआर-एसआरए के मुताबिक, राज्य सरकार का उद्देश्य सभी को घर उपलब्ध करना है। इसके लिए ‘हक का एक घर’ जैसी योजना लागू की जाएगी। इस योजना के अनुसार, मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन स्लम रिहैबिलिटेशन अथॉरिटी ने २०३० तक महानगरों को स्लम-मुक्त बनाने की योजना बनाई है। ठाणे शहर से नवी मुंबई, कल्याण, भिवंडी, मीरा-भायंदर, अंबरनाथ और बदलापुर शहरों के साथ ही पालघर तक यह स्लम फैला है। मुंबई के बाद महानगरों को झुग्गी-झोपड़ियों से मुक्त बनाने तथा इन झुग्गियों में रहने वाले निवासियों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने के उद्देश्य से झुग्गी-झोपड़ी नवीनीकरण योजना क्रियान्वित की जा रही है। यह योजना, जो मुंबई और ठाणे शहरों तक सीमित थी उसे अब ठाणे शहर से नई मुंबई, कल्याण, भिवंडी, मीरा-भायंदर, अंबरनाथ और बदलापुर शहरों के साथ ही पालघर तक योजना लागू की जा रही है।