सामना संवाददाता / मुंबई
लोकसभा चुनाव की तरह ही विधानसभा चुनाव के दौरान मतदाताओं को मतदान केंद्र पर मोबाइल फोन ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। मतदाताओं को मतदान केंद्र पर मोबाइल फोन लाने की अनुमति नहीं होगी और यदि वे मोबाइल फोन लाते भी हैं तो उन्हें बाहर रखना मतदाताओं की जिम्मेदारी होगी। हालांकि, मोबाइल बैन के नियम से अधिकारियों में वोटिंग घटने का भी डर सता रहा है। मोबाइल हर किसी के लिए बेहद जरूरी वस्तु बन गया है और हर कोई मोबाइल का इस्तेमाल कर रहा है। अक्सर कामकाजी लोग वोट देने के बाद सीधे काम पर चले जाते हैं या काम से आते समय वोट देने चले जाते हैं। ऐसे में मतदाताओं के मन में सवाल है कि मोबाइल फोन कहां रखें। मतदाता अक्सर अकेले ही मतदान करने जाते हैं। इससे यह भी सवाल उठता है कि मोबाइल किसके पास रखना चाहिए। नागरिकों की इस समस्या को देखते मनपा ने कई बार चुनाव आयोग से इस संबंध में अनुरोध किया था, लेकिन मनपा के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि आयोग मोबाइल बैन को लेकर सख्त है। हालांकि, अधिकारियों को यह भी डर है कि इस नियम के कारण खासकर मुंबई में मतदान का प्रतिशत गिर सकता है।
बता दें कि इस संदर्भ में एक याचिका दायर की गई थी, जिस पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति अमित बोरकर की पीठ ने दायर याचिका खारिज करते हुए कहा कि केंद्रीय चुनाव आयोग को चुनाव प्रक्रिया के सुचारू संचालन के लिए आवश्यक कदम उठाने का अधिकार है। चुनाव प्रक्रिया एक जटिल प्रक्रिया है। याचिकाकर्ता डिजीलॉकर ऐप के माध्यम से पहचान पत्र जमा करने की अनुमति मांग रहा है।