सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई महानगरपालिका (मनपा) ने निर्माणाधीन बिल्डिंगों के मलबे से होने वाले वायु प्रदूषण से निपटने के लिए मोबाइल डस्ट सक्शन वैन खरीदने का निर्णय लिया है। इन वैनों को प्रत्येक वॉर्ड में तैनात किया जाएगा। हालांकि, इस कदम को एक सकारात्मक पहल माना जा सकता है, लेकिन क्या यह समस्या का स्थायी और प्रभावी समाधान होगा? यह सवाल अब भी अनुत्तरित है।
मनपा के अधिकारी यह दावा कर रहे हैं कि इन डस्ट सक्शन वैनों की तैनाती से वायु प्रदूषण में कमी आएगी। हालांकि यह कदम जितना आशाजनक दिखता है, उतना ही जटिल भी है। इन वैनों की उच्च लागत (४० लाख रुपए प्रति मशीन) और उनका प्रभावशीलता का मूल्यांकन करने की प्रक्रिया यह संकेत देती है कि मनपा इस मामले में पर्याप्त तैयारी के बिना कदम उठा रही है।
मनपा का धूल से निपटने के लिए बनाए गए २८ सूत्रीय दिशा-निर्देशों का पालन करने में निर्माण स्थलों की विफलता को देखते हुए १९१ स्थलों पर निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध भी लगाया गया है। हालांकि, कई महीनों से इन दिशा-निर्देशों की निगरानी और लागू करने में मनपा की नाकामी उजागर हो रही है। जब तक निर्माण स्थलों पर सख्ती से इन दिशा-निर्देशों का पालन नहीं कराया जाता, तब तक डस्ट सक्शन वैन के इस्तेमाल से भी स्थिति में बड़ा बदलाव लाना कठिन है। मनपा ने निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण के लिए कुछ दिशा-निर्देश जरूर जारी किए हैं। जैसे कि हरे कपड़े से ढंकना, पानी का छिड़काव करना और मिस्टिंग प्लांट्स का उपयोग करना, लेकिन इन कदमों का सही तरीके से पालन सुनिश्चित करने में मनपा की अक्षमता बार-बार सामने आई है। इन उपायों को लागू करना और निगरानी रखना इतना आसान नहीं है और इसके बिना, वायु प्रदूषण पर नियंत्रण पाना संभव नहीं हो सकता।
जब तक मनपा निर्माण स्थलों पर कड़ी निगरानी नहीं रखेगी, तब तक इस वायु प्रदूषण को पूरी तरह से रोका नहीं जा सकता। कई बार ऐसे स्थलों पर पानी का छिड़काव भी ठीक से नहीं होता, जिससे धूल उड़ती रहती है। इसके अलावा, जूट या तारपोलिन से ढंकने की प्रक्रिया में भी कई बार लापरवाही देखने को मिलती है और इस पर उचित ध्यान नहीं दिया जाता।
मनपा की यह पहल एक आंशिक समाधान जरूर हो सकती है, लेकिन यह वायु प्रदूषण की समस्या का स्थायी समाधान नहीं हो सकता। जब तक निर्माण स्थलों पर कड़ी निगरानी नहीं होगी और धूल नियंत्रण के दिशा-निर्देशों का सही तरीके से पालन नहीं होगा, तब तक सिर्फ डस्ट सक्शन वैन से इस समस्या को नियंत्रित नहीं किया जा सकता। मनपा को इस समस्या के प्रति अपनी गंभीरता को और अधिक बढ़ाना होगा, ताकि नागरिकों को सही तरीके से स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण मिल सके।