- महामारी का इलाज करने वाले अस्पताल होंगे शामिल
- हॉटस्पॉट की पहचान कर उपाय करने का भी है आदेश
धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
पिछले कुछ महीनों में कोरोना मरीजों की तेजी से बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य व्यवस्था अलर्ट मोड पर है। साथ ही महामारी की रोकथाम के लिए मनपा, राज्य और देश स्तर पर तैयारियां जोरों से शुरू हैं। तीन दिन पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने १० और ११ अप्रैल को देश के सभी अस्पतालों में कोरोना की रोकथाम के लिए सभी व्यवस्थाओं की समीक्षा के लिए मॉक ड्रिल का आदेश दिया है। इसके तहत कोरोना को किल करने के लिए मुंबई के सभी निजी, मनपा और सरकारी अस्पतालों ने मॉक ड्रिल की तैयारी पूरी कर ली है।
देश में इंफ्लूएंजा `ए’ का सब वैरिएंट एच३एन२ वायरस तेजी से फैल रहा है। इसके साथ ही कोरोना रोगियों की संख्या भी बढ़ रही है। वायरस के ट्रिपल अटैक से बचने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को अलर्ट पर रहने और कोविड-१९ प्रबंधन के लिए पूरी तैयारी रखने की सलाह दी। उन्होंने राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों से १० और ११ अप्रैल को सभी अस्पतालों के बुनियादी ढांचे का मॉक ड्रिल करने का निर्देश दिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इंफ्लूएंजा, स्वाइन फ्लू और कोविड को रोकथाम किए जाने के साथ ही हॉटस्पॉट की पहचान कर उपाय करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही संक्रमितों के नमूनों का तेजी से जीनोम सीक्वेंसिंग करने के लिए भी कहा गया है।
मुंबई में ३३ अस्पताल
मुंबई में कोरोना का इलाज करने वाले सभी ३३ निजी अस्पताल हैं। उन्हें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मॉक ड्रिल के नोटिफिकेशन की जानकारी है। साथ ही सभी अस्पताल अब इस बात से पूरी तरह वाकिफ हैं कि कोरोना मरीजों का इलाज करने के लिए उन्हें किस तरह से तैयार रहना है। इसके साथ ही सभी ने सोमवार को मॉक ड्रिल के अनुरूप तैयारी पूरी कर ली है।
नए-नए लक्षण लेकर आया कोरोना
मुंबई और महाराष्ट्र में कोरोना मामलों में तेजी से इजाफा देखा जा रहा है। बीते दिनों कोरोना की वजह से कुछ मौतें भी दर्ज की गई हैं। हालांकि, कोरोना की रफ्तार को देखते हुए डॉक्टर यही कह रहे हैं कि घबराने की जरूरत नहीं है लेकिन सावधानी बरतना बेहद जरूरी है। चिकित्सकों के मुताबिक, इसकी एक वजह यह भी हो सकती है कि यहां उतनी तादाद में टेस्ट न किए जा रहे हों। डॉक्टरों के अनुसार, इस बार कोरोना के आंकड़े भले ही एक या दो दिन में डबल न हो रहे हों लेकिन इस बार मामला अलग है। इस बार लोग गले में गंभीर इंफेक्शन की शिकायत लेकर सामने आ रहे हैं, जो कि दस से लेकर १४ दिन तक इंसान के शरीर में रह रहा है। जिसकी छाया सीटी स्कैन के दौरान अलग-अलग हिस्सों में नजर आती है।
कोरोना से लड़ेंगे सरकारी अस्पताल
जेजे अस्पताल की डीन डॉ. पल्लवी सापले ने कहा कि हमारे सभी स्वास्थ्यकर्मी और डॉक्टर इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हैं कि कोरोना को लेकर किस तरह की तैयारी करनी है? हमने अपने सभी अस्पतालों को सूचित कर दिया है, हम तैयार हैं। सभी बातों का इससे पहले से ही ख्याल रखा जा चुका है।
तीन राज्यों में मास्क अनिवार्य
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए हरियाणा, केरल और पुडुचेरी में मास्क अनिवार्य किया गया है। हरियाणा सरकार के अनुसार, सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना अनिवार्य है। सरकार ने आम लोगों से अपील की है कि वह कोरोना के रोकथाम के लिए जरूरी नियमों का पालन करें। सरकार ने जिला और पंचायत प्रशासन को इसकी निगरानी करने का आदेश दिया है।