सामना संवाददाता / मुंबई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दस सालों में कभी भी जनमत संग्रह की चिंता नहीं की। अगर उन्हें लोकसभा में ४०० सीटें मिल जातीं तो वे निश्चित रूप से संविधान बदल देते। कल उन्होंने संविधान की प्रति अपने सिर पर रखी। यह सब एक ढोंग है। मोदी और ढोंग एक ही नाड़ा के दो किनारा हैं, ऐसे शब्दों में शिवसेना नेता व सांसद संजय राऊत ने बीजेपी पर तंज कसा। लोकसभा चुनाव नतीजों और केंद्र में एनडीए सरकार की स्थापना की पृष्ठभूमि पर एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में शिवसेना नेता संजय राऊत ने बीजेपी और मोदी का असली चेहरा उजागर किया। इस लोकसभा चुनाव में संविधान बदलने की बात करने वाले बीजेपी नेताओं की करारी हार हुई। पैâजाबाद के सांसद लल्लू सिंह, ज्योति मिर्जा, स्मृति ईरानी की भी संविधान बदलने की भाषा थी। संजय राऊत ने कहा कि महाराष्ट्र में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा की मदद करने वाली मायावती और अन्य दलों के नेताओं को भी देश की जनता ने घर बैठा दिया।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री शाह इस देश के लोकतंत्र में कानून के सबसे बड़े दुरुपयोगकर्ता हैं। मोदी कितने पाखंडी हैं, वे चुनाव प्रचार में कहते थे कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो मुसलमानों को आरक्षण देगी। चंद्रबाबू नायडू और नीतिश कुमार मुसलमानों को आरक्षण देने के पक्ष में हैं। यही उनकी भूमिका है। हिंदुत्ववादी मोदी का इस बारे में क्या कहना है, ऐसा सवाल संजय राऊत ने किया।
ईडी, सीबीआई भाजपा के शार्प शूटर
मोदी नरम नहीं हो सकते। हमने देखा है कि एक गैंगस्टर अपने विरोधियों को खत्म करने के लिए गिरोह का इस्तेमाल करता है। इनके गिरोह के ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स वाले उनके शार्प शूटर हैं। इन गिरोहों के जरिए बीजेपी ने १०० सीटें जीती हैं। संजय राऊत ने कहा कि पिछले १० सालों में उन्होंने केंद्रीय जांच एजेंसियों के जरिए आतंकवाद को अंजाम दिया है।
उन्होंने कहा कि अब यह स्पष्ट है कि मोदी का तीसरा कार्यकाल कॉरपोरेट्स, व्यापारियों और उन लोगों के लिए है जिन्होंने सरकार बनाने में मदद की। बेरोजगारी, महंगाई, चीनी घुसपैठ के मुद्दे पर पीएम मोदी अभी भी चुप हैं। मोदी-शाह शेयर बाजार के बारे में बात कर रहे हैं और यह सरकार कॉरपोरेट्स, उद्योगपतियों, व्यापारियों के लिए है। ये सभी लाभार्थी एक साथ आकर सरकार बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
आघाड़ी को मिली अभूतपूर्व सफलता
महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी को अभूतपूर्व सफलता मिली। हमने ३० सीटें जीतीं। यह एक बड़ी सफलता है। जोर-जबरदस्ती, पैसों के बल पर और प्रशासन पर दबाव डालकर महागठबंधन ने कम से कम सात से आठ सीटें जीतीं। अमोल कीर्तिकर का निर्वाचन क्षेत्र इसका ज्वलंत उदाहरण है। अन्यथा महायुति को दस सीटें भी नहीं मिलतीं।
लोकतंत्र को बचाने की जिम्मेदारी नीतिश और नायडू की
प्रफुल्ल पटेल को ईडी द्वारा राहत दिए जाने के बारे में पूछे गए सवाल पर राऊत ने कहा कि ईडी ने नहीं बल्कि बीजेपी ने पटेल को राहत दी है। जैसे आरएसएस, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, एबीवीपी, ईडी, सीबीआई, आईटी बीजेपी की शाखाएं हैं।