रमेश सर्राफ धमोरा / झुंझुनू
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके नेतृत्ववाली केंद्र की सरकार के खिलाफ तीखे वार करनेवाले जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल एवं भाजपाई नेता सत्यपाल मलिक ने एक बार फिर से मोदी सरकार पर हमला बोला है। सत्यपाल मलिक ने सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार दोनों ही १०० प्रतिशत देश विरोधी हैं। उन्होंने नूंह में हुए दंगे को सरकार द्वारा प्रायोजित बताया है कि उक्त दंगा राजस्थान में जयपुर-सीकर तक पैâल सकता था। केंद्र सरकार इसे मुजफ्फरनगर, आगरा, भरतपुर और जयपुर तक पैâलाना चाहती थी, लेकिन किसानों ने उनका साथ नहीं दिया, इसलिए दंगा नहीं पैâला। उन्होंने दावा किया है कि आगे भी ऐसी कोशिशें की जा सकती हैं। पूर्व राज्यपाल मलिक रविवार को राजस्थान के जाटलैंड सीकर के एसके ग्राउंड में आयोजित हुए जाट-मुस्लिम-मेघवाल सम्मेलन में शामिल होने के बाद मीडिया से बात करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि मोदी, मणिपुर में गए तक नहीं। मेरे पैरों की हालत इतनी ज्यादा खराब है कि मुझे चलने में दिक्कत होती है। फिर भी मैं इनको हटाने के लिए जगह-जगह जाऊंगा। ये बहुत खतरनाक, निर्दयी और दुष्ट लोग हैं, इनको हटाना आपका कर्तव्य है। यदि यह सरकार नहीं बदली तो इस देश में खेती, फौजी और जो भी अच्छा है वह सब कुछ खत्म हो जाएगा। पूर्व राज्यपाल ने कल आयोजित कार्यक्रम के बारे में कहा कि अब ऐसे कार्यक्रमों की जरूरत है, क्योंकि कोशिश यह हो रही है कि देश में हिंदू-मुस्लिम दंगे करा दिए जाएं। बीते दिनों नूंह में भी कोशिश हुई, जिसे किसानों ने कामयाब नहीं होने दिया।
सत्यपाल मलिक ने कहा कि अब दिल्ली में मोदी की सरकार नहीं बनेगी। पुलवामा हमले में भी केंद्र सरकार ने ही जवानों को मरवाया था, क्योंकि इन्होंने जवानों को हवाई जहाज ही नहीं दिए। मलिक ने कहा कि ४ महीने तक जवानों की एप्लीकेशन होम मिनिस्ट्री में पड़ी रही। यदि मुझे हवाई जहाज देने के लिए कहते तो मैं ही दे देता। मैं तो वहां परीक्षा तक के लिए लड़कों को हवाई जहाज दे देता।
मलिक ने कहा कि हिंदुस्थान का पूरा इतिहास हिंदू और मुसलमान की एकता का रहा है। ऐसे में हिंदू-मुसलमान के चक्कर में पड़ने की जरूरत नहीं है। मलिक ने कहा कि हल्दीघाटी में राणा प्रताप की तरफ से जो सेनापति था, उसका नाम हकीम खां था। इसी तरह से राणा सांगा के साथ हसन खां मेवाती लड़े थे। देश का इतिहास ऐसे लोगों से भरा पड़ा है। मलिक ने कहा कि केंद्र सरकार खेती और फौज को खत्म करना चाहती है। मुझे बताएं कि कौन-सा युवा केवल ४ साल के लिए अपनी जान हथेली पर रखकर फौज में भर्ती होगा। इसका परिणाम होगा कि हमारी फौज ही नकारा हो जाएगी।
मलिक ने कहा कि दिल्ली में मैंने प्रेस कॉन्प्रâेंस करके कहा था कि सावधान रहना चुनाव आने से पहले मोदी कोई न कोई खुराफात करेंगे। राम मंदिर पर बम फेंकवा सकते हैं या किसी भाजपाई नेता का ही कत्ल करवाकर दंगा करा सकते हैं। तीसरे दिन ही नूंह में प्रायोजित दंगा हो गया। वह सरकारी दंगा था, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार के द्वारा करवाया गया था। नूंह के मेव लोग बिल्कुल कम्यूनल नहीं हैं। मलिक ने कहा कि इस दंगे में सरकार ने कोशिश की कि किसानों जिनमें खासतौर पर जाटों को भड़काएं, लेकिन वहां के खाप चौधरियों को पता था कि इतिहास क्या है? उन्होंने कहा, ‘मुझे अफसोस है कि आज तक पुलवामा हमले में पता नहीं चल पाया है कि जवानों की शहादत क्यों और वैâसे हुई? कार्यक्रम में रिटायर्ड आईपीएस राधेराम गोदारा, मेघवाल और मुस्लिम समाज के कई पदाधिकारी मौजूद रहे।