मुख्यपृष्ठनए समाचारविरोध के बाद लेटरल एंट्री पर झुकी मोदी सरकार

विरोध के बाद लेटरल एंट्री पर झुकी मोदी सरकार

– कांग्रेस बोली, ‘झुकती है दुनिया, झुकाने वाला चाहिए’
– प्रधानमंत्री के कहने पर कार्मिक मंत्री ने यूपीएससी को लिखी चिट्टी
– चिराग पासवान ने भी किया था विरोध
रमेश ठाकुर/नई दिल्ली

विपक्ष के भारी विरोध के बाद आखिरकार केंद्र सरकार को लेटरल एंट्री के जरिए पर्दे के पीछे से कराई जाने वाली नियुक्तियों पर रोक लगानी पड़ी। विरोध ज्यादा बढ़ा तो मंगलवार को प्रधानमंत्री ने कार्मिक मंत्री जितेंद्र सिंह से बात की, उसके बाद मंत्री ने यूपीएससी चेयरमैन को चिट्ठी लिखी जिसके कुछ घंटों बाद लेटरल एंट्री वाली नियुक्तियों को रद करना पड़ा। केंद्र सरकार ने जैसे ही इस मसले पर वापसी का निणर्य लिया, विपक्ष ने अपनी जीत बताया।

बता दें कि बीते 17 अगस्त को संघ लोक सेवा आयोग ने लेटरल एंट्री के आधार पर नियुक्तियों के लिए एक विज्ञापन निकाला था जिसका कांग्रेस सहित ‘इंडिया गठबंधन’ से जुड़े दलों ने पुरजोर विरोध किया। विपक्ष का आरोप था कि इस व्यवस्था के चलते आरक्षण खत्म होगा और सामाजिक न्याय की बात अधूरी रह जाएगी। बीते दिनों कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लेटरल एंट्री का विरोध किया था। तब स्वंय प्रधानमंत्री ने उनके आरोप को झूठा बताया था, लेकिन अब उसे स्वीकार करते हुए अपने निर्णय को वापस लेना पड़ा है। लेटरल एंट्री पर केंद्र सरकार के पीछे हटने पर कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, ‘झुकती है दुनिया, झुकाने वाला चाहिए’। सुप्रिया ने कहा राहुल गांधी सभी मुद्दे देशहित में उठा रहे हैं। प्रधानमंत्री पहले राहुल के मुद्दों का उपहास उड़ाते हैं फिर मुंह की खाते हैं। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने भी लेटरल एंट्री का विरोध है।

अन्य समाचार