केंद्र कर रहा है बजट की तैयारी
२३ जुलाई को संसद में होगा पेश
सामना संवाददाता / नई दिल्ली
आगामी २३ जुलाई को मोदी ३.० अपना बजट पेश करनेवाली है। मगर इस बजट से पहले मोदी सरकार महाटेंशन में नजर आ रही है। इसका कारण हैं आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्राबाबू नायडु और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार। इन दोनों ने ही केंद्र से ४८,००० करोड़ रुपए का फंड मांगा है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने दोनों मुख्यमंत्रियों ने अपनी मांगें रख दी हैं। इसके साथ ही दोनों मुख्यमंत्रियों ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भी अपनी मांगें पहुंचा दी हैं। इसलिए इस बारे में मोदी सरकार माथापच्ची कर रही है कि मोदी ३.० के दोनों प्रमुख सहयोगियों को वैâसे संतुष्ट किया जाए। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस बार मोदी सरकार अपने बल पर बहुमत में नहीं आ पाई है और इन दोनों की बैसाखियों के सहारे ही सरकार घिसटकर चल रही है। बता दें कि कुछ दिनों पहले नीतीश कुमार दिल्ली आए थे और उन्होंने पीएम मोदी से मुलाकात भी की थी। सूत्र बताते हैं कि इस दौरान बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की पुरानी मांग को तो दोहराया गया ही, साथ ही राज्य के विकास के लिए विशेष पैकेज की भी मांग की गई। इसी तरह तीन दिन पहले आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और विभाजन के बाद राज्य की चुनौतियों से निपटने के उद्देश्य से सात सूत्री विकास एजेंडे के लिए समर्थन मांगा। इसके बाद एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि बैठक में वित्तीय सहायता से लेकर बुनियादी ढांचे के विकास तक के प्रमुख मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया। नायडू ने आंध्र के कृषि क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण राष्ट्रीय सिंचाई पहल पोलावरम परियोजना को शीघ्र शुरू करने के लिए मदद पर जोर दिया। यह परियोजना नायडू की प्राथमिकताओं की सूची में सबसे ऊपर है। राज्य की वित्तीय स्थिति पर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘आंध्र प्रदेश २०१४ के अवैज्ञानिक, अनुचित और अन्यायपूर्ण विभाजन के दुष्परिणामों से जूझ रहा है।’