मुख्यपृष्ठनए समाचारमजदूर विरोधी है मोदी सरकार! ...श्रमिक संगठनों ने भरी हुंकार

मजदूर विरोधी है मोदी सरकार! …श्रमिक संगठनों ने भरी हुंकार

भाजपा सरकार को उखाड़ने का है सही समय
सामना संवाददाता /मुंबई
आगामी लोकसभा चुनाव में मजदूर, किसान और जनता देश विरोधी नरेंद्र मोदी सरकार को परास्त करे। इस आशय का प्रस्ताव सभी श्रमिक संगठनों की संयुक्त कृति समिति ने सर्व सम्मति से पास किया है। श्रमिक कर्मचारी संघ संयुक्त कार्रवाई समिति का राज्यस्तरीय सम्मेलन शनिवार को परेल स्थित राष्ट्रीय मिल मजदूर संघ के महात्मा गांधी हॉल में आयोजित किया गया। बैठक में उपस्थित श्रमिक प्रतिनिधियों ने हाथ उठाकर प्रस्ताव का समर्थन किया। इस राज्यस्तरीय राजनीतिक सम्मेलन में इंटक, आईटीएके, एसएमएस, सीटू, एआईसीसीटीयू, बीकेएसएम, राज्य सरकार कर्मचारी महासंघ, शिक्षक संघ, बैंक और बीमा संघ महासंघ, श्रमिक एकता मंच और जमीनी स्तर के श्रमिकों का नेतृत्व करने वाले संगठनों ने भाग लिया। मंच पर कॉमरेड विवेक मोंटेरो, कॉमरेड मिलिंद रानाडे, कॉमरेड उदय भट्ट, गोविंदराव मोहिते, डॉ. वैâलास कदम, डॉ. डी. एन कराड, कॉमरेड उदय चौधरी, निवृत्ति धूमाल आदि श्रमिक नेता उपस्थित थे। प्रस्ताव में आगे कहा गया है कि वर्तमान केंद्र और राज्य सरकारें श्रमिकों के साथ लगातार अन्याय कर रही हैं और मालिकों और पूंजीपतियों के हितों को आगे बढ़ा रही हैं। पूंजीपतियों के दबाव के कारण श्रमिक संघों ने उन ४४ श्रम कानूनों को रद्द कर दिया है, जिनके लिए उन्होंने लड़ाई लड़ी थी। १३० वर्षों के लिए और उनके स्थान पर चार श्रम संहिताएं लागू की गर्इं। प्रस्ताव में चिंता व्यक्त की गई है कि अगर यह सरकार दोबारा सत्ता में आई तो इस देश में मजदूर आंदोलन खत्म हो जाएगा और मजदूरों को दयनीय जीवन जीना पड़ेगा।
कृति समिति के प्रमुख सीटू डॉ. डी. एन. कराड ने कहा कि हमारे सभी संगठनों के सदस्य राज्य में लगभग ३५ लाख हैं और उनके परिवार के सदस्यों के पास कुल मिलाकर डेढ़ करोड़ वोट हैं। वे इस चुनाव में अच्छा प्रभाव डाल सकते हैं। कराड ने अपने भाषण में यह भी कहा कि कर्मचारी विरोधी मोदी सरकार को सत्ता से उखाड़ सकते हैं।

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