केंद्र सरकार ने बड़े जोर-शोर से `वंदे भारत’ ट्रेन की शुरुआत की थी। शुरुआती दिनों में कुछ दुर्घटनाओं के कारण यह ट्रेन काफी चर्चा में भी रही। लेकिन अब लगता है इन सभी घटनाओं को देखते हुए यात्रियों ने इस ट्रेन से मुंह मोड़ लिया है। यह ट्रेन अपनी तेज और आरामदायक यात्रा के लिए जानी जाती है। हालांकि, इसकी यात्रा दर और समय जैसे कारणों की वजह से इस ट्रेन के कुछ रूटों पर यात्रियों से ज्यादा रिस्पॉन्स नहीं मिल रहा है। यही वजह है कि २० कोच की इस ट्रेन को ८ कोच का बनाने पर विचार किया जा रहा है।
गौरतलब है कि देश की कई `वंदे भारत’ ट्रेनों को यात्री नहीं मिल रहे हैं। अधिकांश लोगों में इसके टिकट खरीदने की क्षमता नहीं है। यही वजह है कि नागपुर-सिकंदराबाद `वंदे भारत एक्सप्रेस’ को पर्याप्त यात्री नहीं मिल रहे हैं। सितंबर २०२४ में शुरू हुई इस ट्रेन को औसतन २५ प्रतिशत ऑक्यूपेंसी के साथ चलाना रेलवे के लिए चुनौतीपूर्ण हो गया है।
नागपुर-सिकंदराबाद वंदे भारत २० कोच के साथ चलती है और इसमें १,४४० यात्रियों के बैठने की क्षमता है। यह ट्रेन अक्सर खाली रहती है। दिवाली की छुट्टियों को छोड़कर, इसे कभी भी फुल ऑक्यूपेंसी नहीं मिली। ट्रेन नागपुर से सुबह ५ बजे रवाना होती है और ७ घंटे १५ मिनट में सिकंदराबाद पहुंचती है। वापसी में यह दोपहर १ बजे छूटकर रात ८:२० बजे नागपुर पहुंचती है। सेंट्रल रेलवे के नागपुर डिविजन ने ट्रेन की ऑक्यूपेंसी बढ़ाने के लिए कई सुझाव दिए हैं। इनमें ट्रेन का प्रस्थान समय सुबह ७ बजे करने और मौजूदा २० कोच वाली ट्रेन को ८ कोच वाली ट्रेन से बदलने का प्रस्ताव शामिल है। नागपुर डिविजन ने इसे मुंबई हेडक्वार्टर और रेलवे बोर्ड को भेजा है। सेंट्रल रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी डॉ. स्वप्निल नीला ने कहा, मौजूदा रेक को ८ कोच वाले रेक से बदलने का प्रस्ताव है।