सामना संवाददाता / मुंबई
अरविंद केजरीवाल के खिलाफ एक भी सबूत न होने के बावजूद ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया। ईडी और सीबीआई मोदी-शाह की हथियार बन गई हैं। वे उनकी मदद से देश में दहशत फैलाने का काम कर रहे हैं। इस तरह का जोरदार हमला शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व सांसद संजय राऊत ने किया।
सबूतों के अभाव में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली पीएमएल कोर्ट से मिली जमानत पर शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए सांसद संजय राऊत ने मोदी और शाह पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि केजरीवाल को बिना किसी सबूत के गिरफ्तार किया गया। अवैध गिरफ्तारी के कारण ही वे तीन महीने से जेल में हैं। आप के कई नेता जेल में हैं। मुंबई और महाराष्ट्र के कई नेता-कार्यकर्ता जेल में बंद हैं। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जेल में हैं। इनमें से किसी के खिलाफ सबूत नहीं हैं, फिर भी जेल में बंद किए गए हैं। उन्होंने कहा कि मैं पीएमएलए कोर्ट का स्वागत करता हूं कि उसने ईडी से पूछा कि केजरीवाल के खिलाफ सबूत कहां है। इसी तरह मेरे और अनिल देशमुख के खिलाफ एक भी सबूत नहीं होने के बावजूद ईडी ने गिरफ्तार किया। कोर्ट ने मोदी-शाह ईडी और सीबीआई को जोरदार तमाचा मारा है। उन्होंने सवाल पूछा कि क्या इसके बाद भी ईडी और सीबीआई सुधरेगी। उन्होंने कहा कि देश में जनता ने मोदी और उनकी तानाशाही के खिलाफ एकमत से जनादेश दिया है। मोदी-शाह लोकतंत्र और सीबीआई को पकड़कर उनसे खेल रहे हैं। उनकी हथियार बना लिया है। इस फटकार के बाद क्या अब सीबीआई सुधरेगी? संजय राऊत ने कहा कि जनता ने चेतावनी दे दी है कि अब सुधार जाओ।
तमाचा है केजरीवाल की रिहाई
अरविंद केजरीवाल अभी भी दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दिया, क्योंकि लोगों ने उन पर विश्वास किया। अरविंद केजरीवाल की रिहाई ने उन सभी लोगों के गाल पर तमाचा मारा है, जिन्होंने उन्हें इसमें फंसाया था। केजरीवाल का एकमात्र दोष यह है कि उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में नरेंद्र मोदी और उनकी पार्टी को बार-बार हराया। इसलिए कोई झूठा मामला बनाकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इसी तरह मुझे गिरफ्तार कर लिया गया था। पिछले कुछ सालों से लोकतंत्र को दबाने का खेल चल रहा है। संजय राऊत ने तंज कसा कि इसमें ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का इस्तेमाल किया जा रहा है।
कठपुतली की तरह नाच रही एजेंसियां
संजय राऊत ने कहा कि साल २०२४ के नतीजे ने नरेंद्र मोदी के शासन के अंत का भी संकेत दिया। ईडी और सीबीआई के दुरुपयोग के कारण ही जनता ने उन्हें बहुमत से वंचित कर दिया। क्या इससे ईडी, सीबीआई और चुनाव अयोग जैसी एजेंसियां सबक लेंगी? ये सभी एजेंसियां कठपुतली की तरह नाचती नजर आ रही हैं। इसलिए लोगों ने उन्हें दूसरों के समर्थन से सरकार बनाने के लिए मजबूर किया।